राष्ट्रीय (08/11/2013)
जिला जेल में बंदियों की संदिग्ध मौतों के चलते बंदियों के परिजनों में रोष
मुजफ्फरनगर। जिला जेल आजकल अपनी संदिग्ध गतिविधियों के चलते काफी समय से चर्चाओं में है। जब से जेलर के पद पर मिजाजी लाल यादव जेलर की तैनाती हुई है तभी से इन पर गंभीर आरोप लगते आ रहे हैं। कफ्र्यू के समय इन पर बंदियों ने साम्प्रदायिकता के आरोप लगाये थे। इनकी गंदी व ओछी मानसिकता इसी बात से उजागर हो जाती है कि खास ईदुल जुहा वाले दिन इन्हांेने मुस्लिम बंदियों को त्यौहार न मनाने देने के उद्देश्य से जेल में एक बड़ा जागरण कराया। जागरण कराना कोई बुरी बात नहीं है परन्तु मुस्लिम बंदियों को घर से एक साल के त्यौहार पर घर बने खाने को ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया गया। इतना ही नहीं जेल के मुस्लिम बंदियों से पूरे दिन जागरण करवाने के लिए सजावट व साफ सफाईयां तक करवाई गई तथा उन्हें खास हिदायत दी गई थी कि बकरा ईद वाले दिन किसी भी मुस्लिम परिवार का खाना जेल में न पहुंच जाये क्योंकि बकरा ईद वाले दिन ही इन्हांेने जेल में जागरण करवाया था। बेचारे मुस्लिम बंदी त्यौहार वाले दिन जेलर मिजाजी लाल यादव के तुगलकी फरमान के चलते पूरे दिन रोते रहे। इसी प्रकार अभी एक माह पहले ही एक बंदी की अचानक मौत से भी उसके परिजनों ने जेलर पर हत्या के आरोप लगाये थे तथा जेलर के खिलाफ जेल में धरना भी दिया था। इसी प्रकार अब एक ओर बंदी जेल में ही फांसी लगा मिला है। इस बंदी के परिजनों ने भी मिजाजी लाल यादव पर हत्या का आरोप लगाया है तथा साथ ही ये भी आरोप लगाया है कि मिजाजी लाल यादव ने सोसाइड नोट की सारी परिभाषा ही बदल दी है तथा ये सोसाइट नोट फर्जी तैयार करवाया गया है। जेल में प्रत्येक बंदी से मिलाई करवाने के नाम पर तीन हजार की रिश्वत खुलेआम ली जा रही है। इसी प्रकार कैंटीन से जेल में मादक पदार्थों की बिक्री भी खुलेआम कराई जा रही है। वहीं बहुत से मोबाइल फोन भी एक मोबाइल चलवाने के पांच हजार रूपये माहवार जेल में लिये जा रहे हैं। खाने का स्तर इतना घटिया है कि आदमी तो दूर डंगर तक भी जेल का खाना नहीं खा सकते हैं जेलर जेल की दालें तक अपने घर बोरियों में भरकर भेजते रहते हैं। पूरी जेल में रिश्वतों के चलते अफरा तफरी का माहौल है। सुंदर महिलाओं की इज्जत मिजाजी लाल यादव की रंगीन मिजाजी के चलते खतरे में है। बहुत सी महिला बंदियों का कहना है कि हमारी किस्मत खराब थी जो हमंे जेल का मुंह देखना पड़ा तथा इस जेलर की जेल में रहना पड़ रहा है क्योंकि हमारी सुंदरता ही हमारे लिए अभिशाप बन गई है। जेलर हमें घूर घूर कर देखता है तथा जान बूझ कर परेशान करता है। एक चालू टाइप महिला बंदी इनकी खास चेली बनी हुइ है। जेलर जब चाहे उसे रात में बुलवा लेते हैं। बहुत से बंदियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जेलर का कहना है कि शिवपाल यादव मेरे खास रिश्तेदार हैं इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। जेल में डर के कारण महिलाओं ने अपने सगे सम्बन्धियों से मिलाई करना छोड़ दिया है क्योंकि उनका कहना है कि जेलर का मिजाज रसिया टाइप है इसलिए उसकी शिकारी निगाहों से हमें बहुत डर लगता है। मिजाजी लाल यादव की ज्यादती ज्यादातर कांग्रेसियों, रालोद व भाजपा वालों पर ही होती है। सपा वालों को वीआईपी ट्रींटमेंट दिया जाता है। प्रशासन पूरे प्रकरण की जांच करे व जेल में हो रहे अफरा तफरी के माहौल को शांत करे। |
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