राष्ट्रीय (19/08/2013)
पंजाबी सिनेमा का नया दौर
पंजाबी सिनेमा आज के इस दौर में एक नयी ऊँचाई को छू रहा है , कॉमेडी, राष्ट्रवादी हर तरह की पंजाबी फ़िल्में बन रही है , खूब चल भी रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं | पहले पंजाबी भाषा वाली फ़िल्में जो सिर्फ पंजाब तक ही सीमित थी | अब विदेश में रहने वाले पंजाबी लोगों के लिए एंटरटेनमेंट का नया ज़रिया बन गया है | कनाडा, अमेरिका , इंग्लैंड और जहाँ- जहाँ भी पंजाबी लोग बसते हैं , वहां- वहां ये पंजाबी फ़िल्में पंजाबी भाषा में ही प्रदर्शित हो रही हैं | पहले गुरदास मान एमोहम्मद सादिकएसुरिन्दर शिंदा, योगराज सिंह, गुग्गु गिल पंजाबी फिल्मों में सितारे हुए करते थे | लकिन अब उनकी जगह नौजवानों श्गिप्पी ग्रेवाल, जज्जी बी , दिलजीत सिंह, रोशन परिंस जैसे नौजवान लडको ने ले ली है | जिन लोगों को हिंदी फिल्मों में तरक्की नहीं मिलती वो भी पंजाबी सिनेमा में हाथ आजमा रहे हैं | पंजाबी फिल्मों का बढता कारोबार और कलाकारों के लिए शौहरत पाने का नया रास्ता हिंदी फिल्मों से न ज्यादा बढ़िया और सस्ता है | जहाँ हिंदी फ़िल्में आमतोर पे ३०.४० करोड़ से कम में नहीं बनती वहां पंजाबी फिल्मे २.३ करोड़ में अच्छी भली बन जाती है , कम इन्वेस्टमेंट और ज्यादा कमाई का लालच बड़े लोगों को पंजाबी फिल्मों में पैसा लगाने को तैयार कर रहा है | जहाँ पर इतनी कॉमेडी और तड़क भड़क वाली फिल्मों का दौर चला है, वहां पर कुछ लीक से हट कर फ़िल्में भी बनने को तैयार हैं | ऐसा ही कुछ लुधियाना में आज देखने को मिला जब पंजाबी भवन लुधियाना में ष्पिंगल्वाडा ट्रस्ट अमृतसरष् की तरफ से निर्मित और निर्देशक हरजीत सिंह के निर्देशन में बनने वाली भगत पूर्ण सिंह पिंगल्वाडा के जीवन पर आधारित फिल्म के लिए कलाकारों को चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई | पत्रकार संदीप मदान से फिल्म निर्देशक हरजीत सिंह से हुई बातचीत के दौरान निर्देशक ने बताया की ये फिल्म लीक से हटकर एक साफसुथरी और समाज को कुछ नसीहत देने वाली फिल्म है द्य भगत पूर्ण सिंह जिन्होंने अपने सारा जीवन गरीबों और लाचारों की मदद करने में बिता दिया | ये फिल्म आने वाली पीढ़ी को कुछ अच्छा सिखाएगी |
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