.आस एनजीओ की ओर से चल रहे "आस हाउस वाइफ अवार्ड 2013" इस अवार्ड को जीतने के लिए देश के कई राज्यों से करीब 18 हज़ार आवेदन आये ...लेकिन सबसे ज्यादा तादाद दिल्ली और एनसीआर से आयी महिलाओं की ही रही ...शनीवार को सुपर हाउस वाइफ अवार्ड के लिए क्नांट प्लेस स्थित NDMC कन्वेंशन हॉल में सैकड़ो हाउस वाइफ महिलाओ ने दिये आडिशन ...। वर्षा गोयल, ( आयोजक, आसं एनजीओ फाउंडेशन )ने बताया की आज देखा जाता है कि वर्किंग वुमेंन को समाज में ज्यादा मान समान दिया जाता है, जबकी हाउस वाइफ ज्यादा काम करती है पर उनकी कोई पहचान नही है , उन्ही को पहचान देने के लिए सुपर वाइफ अवार्ड ऱखा गया है साथ में ढेर सारा इनाम भी दिया जायेगा .. महिलायों के लिए भी जजों के सवालों का सामना करना आसान नहीं था और जजों को महिलाओं ने खासा प्रभावित किया ...चयन का आधार था की हाउस वाइफ केवल होम मेकर की भूमिका में हो होना चाहिए ...हाई प्रोफाइल और सेलेब्रेटी होना ज्यादा मायने नहीं होता ..समाज सेवा में उनकी सक्रियता और स्वभाव परिवार को जोड़ने और बढ़ने में उनके योगदान को ज्यादा तरजीह दी गयी ..इनके विचार प्रेरणा देने वाले रहे ..हाउस वाइफ भी इसमें भाग लेकर काफी खुश और खुद को खुशकिस्मत समझ रही थी ..जिनका मानना था की तब तक उन्हें सही पहचान नहीं मिल रही है ..कहते है की हाउस वाइफ करती ही क्या है ..लेकिन अब शायद उन्हें समझ आये ..हम सबको समझाते है कोइ हमें भी समझ रहा है यह अनुभव कर काफी ख़ुशी हो रही है .. यह आयोजन देश में महिलाओं में तेज़ी से बढ़ रही सरवाईकल केंसर के प्रति जागरूकता के मकसद से किया जा रहा है ...लेकिन महिलाएं इस से ज्यादा खुश है की अब उनके व्यस्त और विवशता को भी समझा जा रहा है की वे किस तरह घर, समाज और काम को बखूबी करती है ..लेकिन उन्हें कमतर आँका जा रहा है ..अब इनके नजर 13 जून को होने वाले ग्रैंड फिनाले पर है की सुपर हाउस वाइफ का ताज आखिर किसके सर पर होता है ... ..जिसमें मधुर भंडारकर, सतीश कौशिक, जैसी हास्तियाँ जज की भूमिका में हौगे ...इनमें मुकाबला होगा को कौन होगी सुपर हाउस वाइफ...और किसे मिलेगा ताज और मधुर भंडारकर की फिल्म में काम करने का मौका और ढेरों इनाम .. अजय सेठी , संवाददाता , दिल्ली
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