राष्ट्रीय (27/06/2013)
कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के साथ जोड़ने का शानदार कार्य:भारतीय रेल
भारतीय रेलवे ने कश्मीर घाटी को जम्मू क्षेत्र के साथ जोड़ने का शानदार कार्य करके ऐतिहासिक रूप से एक मील का पत्थर स्थापित किया है । भारत के प्रधानमंत्री, डॉ0 मनमोहन सिंह ने आज बनिहाल-काज़ीगुण्ड के बीच नवनिर्मित रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ-साथ पीरपंजाल सुरंग (भारत की सबसे लम्बी यातायात सुरंग) से होकर गुजरने वाली पहली डीईएमयू रेलगाड़ी का बनिहाल रेलवे स्टेशन से शुभारम्भ किया । इस मौके पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्षा, सोनिया गांधी, जम्मू एवं कश्मीर के माननीय राज्यपाल, एन0 एन0 वोहरा, जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला, रेलमंत्री, मल्कार्जुन खरगे, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, गुलाम नवी आजाद और जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा के माननीय उप सभापति, सरताज मदानी मौजूद थे । ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना, जिसके अंतर्गत बनिहाल-क़ाज़ीगुण्ड सैक्शन और पीर पंजाल सुरंग शामिल है, के धरम-क़ाज़ीगुण्ड सैक्शन का कार्य पूरा करने के लिए रेल मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक उपक्रम इरकाँन इण्टरनेशनल लिमिटिड प्रमुख एजेंसी रही। कश्मीर में 119 किलोमीटर लम्बी आधुनिक रेल लाइन है जिसका शुभारम्भ अक्टूबर, 2009 में किया गया । अब तक यह लाइन भारतीय रेल नेटवर्क से अलग ही है । यह अभी तक शेष भारत के नेटवर्क से नहीं जुड़ पाई है । यह लाइन कश्मीर के पश्चिमी भाग में स्थित बारामूला को श्रीनगर होते हुए घाटी के दूसरे छोर पर स्थित काज़ीगुण्ड से जोड़ती है । आज इस चुनौतीपूर्ण परियोजना के राष्ट्र को समर्पित करने तथा काजीगुण्ड-बनिहाल के नए रेल सैक्शन पर रेलगाड़ियाँ चलने के साथ ही इस रेल लाइन का विस्तार पीर पंजाल पर्वत श्रेणियों से आगे जम्मू क्षेत्र तक हो गया है । इस 17.7 किलोमीटर के रेल लिंक से भविष्य में कश्मीर घाटी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क के साथ जोड़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है । 28 दिसम्बर, 2012 को काज़ीगुण्ड और बनिहाल स्टेशनों के बीच 17.729 किलोमीटर की दूरी पर पहली परीक्षण रेलगाड़ी चलाई गयी । इस रेलमार्ग का 6.514 किलोमीटर का भाग तीखे मोड़ों, तटबन्धों और पुलों वाला है । इस सैक्शन पर 11.2 किलोमीटर लम्बी टी-80 सुरंग है जो पीर पंजाब पर्वत श्रेणियों से होकर गुजरते हुए कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के बीच एक सीधा रेल सम्पर्क मुहैया कराती है । भूमि की कटाई और भराई सम्बन्धी लगभग 11,78,500 क्युबिक मीटर का कार्य कर लिया गया है । सबसे गहरा कटाव 15.20 मीटर और सबसे ऊंचा तटबन्ध 16.70 मीटर का है । इस सैक्शन पर 39 पुलों का निर्माण किया गया है जिनमें 2 बड़े और 30 छोटे पुल तथा 7 रोड ओवर ब्रिज/रोड अण्डर ब्रिज हैं । इस सैक्शन को पूरा करने में रेलवे को 1691.00 करोड़ रूपये की कुल लागत आई है । |
Copyright @ 2019.