उत्तराखंड में अचानक आई त्रासदी ने हजारो लोगो को मौत नींद सुला दिया .उन मिर्त लोगो का हजारो लोगो का शव का अबतक पता नही है कई शव ऐसे है जिनकी अबतक पहचान नही हुई है ... लेकिन किया आप जानते है वहा उन शवो का किया हुआ जिनके परिजनों के सामने अपनों की जान गयी ?? जिनका शव उनके परिजनों के पास था ? किया किया गया उन शवो का ? ऐसे ही एक परिवार जिनकी की बूढ़ी माँ ने वही दम तोड़ दिया , उनलोगों ने वहा के हालात के बारे में बताया ...आखिर किया किया इनलोगों ने बूढी माँ के शव का पूर्वी दिल्ली के गणेश नगर में अपनों के बीच पंहुचा यह परिवार राहत की साँस तो ले रहा है लेकिन चार धाम की यात्रा पर गए इन लोगो मे से एक यहाँ वापस नही पहुच सका इन परिवार की बूढी माँ सवेत्री देवी की उतराखंड त्रासदी में मौत हो गयी ..................रोते बिलखते इन परिवार को इस बात का दुख तो है की उनकी माँ को त्रासदी ने अपनी चपेट में ले लिया लेकिन इससे जियादा दुःख इस बात का है की वोह अपनी माँ का ठीक ढंग से अंतिम संस्कार नही कर सके .............उन्हें उनके शव को वही परवाह कर के आना पड़ा ....इन परिजनों ने जो वहा शव की हालत के बारे में जो हमे बताया वो खाफी दुखद था लालता परसाद ने बताया की अचानक आई बाढ़ में हमलोग फस गए इसी दौरान उनकी माँ की मौत वही हो गयी 5 दिन तक हम अपनी माँ के शव को भूखे पियासे किसी तरह साथ रखे रहे .और बचाव दल का इंतज़ार करते रहे कई दिन बीत जाने के बाद जब बचाव दल उनलोगों तक पंहुचा तो बचाव दल ने हेलीकाप्टर से उनके माँ के शव को लेजाने से इंकार कर दिया .और उन्हें कहा की शव को यही छोड़ दो या पानी में बहा दो ... फिर इनलोगों ने शव का अंतिम संस्कार वही करने का सोचा लेकिन कही भी जलाने के लिए लकड़ी नही मिली फिर सोचा की शव को पानी में विसर्जित कर दिया जाये लेकिन पानी भी उनलोगों से 5 0 फीट नीचे खायी में था ..उनके पास इसी पानी में शव को विसर्जित करने के आलावा कोई और दूसरा उपाए नही था उन्होंने दिल पर पत्थर रखकर सवेत्री देवी की शव को उस खायी में ही गिरी दिया सवेत्री देवी के परिजनों के रो रो के भूरा हल है स्वेत्री देवी के साथ गए उनके पोते रवी से जब बात की तो उसका कहना था की वह कोई वेवस्था नही थी अगर वहा डक्टर की वेवस्था पहले से होती तो उसकी जान बच जाती इन परिजनों ने बताया की वहा फसे जितने भी लोगो के अपने उस त्रासदी में मारे गए किसी के भी शव को बचाव दल ने नही ले जाने दिया उन सभी लोगो ने इसी तरह ही शव को पानी में विसर्ज्तित कर दिया पूर्वी दिल्ली के गणेश नगर इलाके में रहने वाले ललित प्रशाद अपनी पत्नी बेटे सहित १ 2 सदस्यों(सावित्री -6 0 साल ,ललित -8 ,वर्षा 1 2 ,रामेश्वेर 4 ० ,मीना देवी 3 5 ,मनोज 1 5 ,कन्हिया लाल 6 ३ ,लालता 4 5 ,रवि 1 5 ,अन्नू 2 0 ,सुनीता 4 2 ) के साथ 9 जून को गाड़ी से केदारनाथ गए थे लेकिन 1 5 जून को वहा आए त्रासदी के चपेट में पूरा परिवार आगया जिसमे परिवार की बुज़ुर्ग महिला सावित्री देवी की मौत हो गई ..
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