उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मीडिया को बयान दिया की आज दिन में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और मैंने उत्तराखंड के वर्षा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। हमने राज्य में बडे पैमाने पर हुई तबाही को खुद देखा। हमारा हृदय उन परिवारों के दुःख के साथ द्रवित हो रहा है जिन्होने इस बड़ी त्रासदी में अपने परिजन खोए हैं और जो इसमें घायल हो गए हैं या जिनकी धन सम्पत्ति की हानि हुई है। जान और माल के नुकसान, जिसमें नष्ट हुए घर या इमारतों के क्षतिग्रस्त होने, सड़क और बुनियादी ढांचे को हुई हानि के पूरे आकलन में अभी कुछ वक्त लगेगा। अभी प्रशासन के सामने सबसे पहली प्राथमिकता आपदा में फंसे लोगों को बचाना और उन लोगों को सहायता मुहैया कराना है जिन्हें इनकी सबसे अधिक जरूरत है। यूपीए अध्यक्ष और मैंने आज जो देखा वह बहुत ही तकलीफदेह था। ताजा अनुमानों में मृतकों का आंकडा 102 सामने आया है पर आशंका है इसमें और बढोत्तरी हो सकती है। अब तक दस हजार से अधिक लोगों को बचाया गया है और उनहें भोजन, कपड़े, तथा शरण दी गई है। अभी भी कई लोग फंसे हुए है। सबसे अधिक क्षति केदारनाथ और उसके आस पास के क्षेत्र में हुई है। सबसे पहली आवश्यकता बचाव और राहत अभियानों की है और सरकार इस प्रयास में कोई कमी नहीं आने देगी। केन्द्र और राज्य सरकार ने इस विकट त्रासदी से निपटने के लिए तुरंत सभी संभव संसाधन तैनात कर दिए हैं। राहत और बचाव के उपायों में सेना के लगभग 5500 जवान और अधिकारी, सीमा सड़क संगठन के 3000 कर्मी तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस के 600 जवान लगे हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा बचाव समूह के 13 दलों को तैनात किया गया है। भारतीय वायुसेना ने 18 हेलीकॉप्टर और एक सी-130 विमान राहत और बचाव कार्यों में लगाए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए निजी हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया है। केन्द्र और राज्य सरकार आपसी सामंजस्य से इस दिशा में लगातार काम जारी रखेगी ताकि प्रभावित लोगों को तत्काल सभी संभव सहायता सुनिश्चित की जा सके और उन्हें फिर से अपने जीवन को बसाने में मदद मुहैया करायी जा सके। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से उन प्रत्येक परिवारों को 2-2 लाख रूपये दिए जाएंगे जिन्होंने इस विध्वंस में अपने परिजन खोए हैं। घायलों को 50-50 हजार रूपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके अलावा हम उन लोगों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से एक-एक लाख रूपये की सहायता भी देंगे जिनके घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं और 50-50 हजार रूपये की राशि उन्हें दी जाएगी जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मैंने उत्तराखंड में आपदा राहत के लिए एक हजार करोड़ रूपये मुहैया कराने का फैसला किया है जिसमें से 145 करोड़ रू. की राशि तत्काल जारी की जा रही है। मैंने सभी केन्द्रीय एजेंसियों को भी निर्देश दिया है कि वे राज्य में अपने स्तर पर सभी संभव सहायता प्रदान करें। |