राष्ट्रीय (08/06/2013)
एआरटीओ कार्यालय में

मुजफ्फरनगर। मेरठ रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय में रिश्वतखोरी चरम सीमा पर है। हाल ही में आये एक अधिकारी ने रिश्वत की सभी सीमाएं लांघ दी हैं। इस समय एआरटीओ कार्यालय में आम नागरिकों को भारी उत्पीड़न हो रहा है तथा सरकारी फीस के अलावा सैंकड़ों रूपये ड्राइविंग लाइसेंस तथा अन्य कामों के लिये जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार एआरटीओ कार्यालय में जब से एक नया अधिकारी आया है तब से लर्निंग ड्राइंविग के नाम पर डेढ़ सौ रूपये तथा परमानेंट डीएल के नाम पर ढाई सौ रूपये सरकारी फीस से अलग वसूले जा रहे हैं। इसी तरह हैवी लाइसेंस पर पांच सौ से एक हजार रूपये जबरन लिये जा रहे हैं। वाहनों की फिटनेस के नाम पर छह सौ रूपये लिये जा रहे हैं। अगर गाड़ी का शीशा टूटा हुआ है तो उस पर भी सौ रूपये रिश्वत के नाम पर लिये जा रहे हैं। अगर किसी गाड़ी का रंग खराब है या हैडलाइट खराब है तो उसे भी रिश्वत लेकर फिटनेस रिपोर्ट सही दी जा रही है। एआरटीओ विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियों ने विभाग के सभी नियम कायदे ताक पर रख दिये हैं तथा आंखें बंद करके रिश्वत लेकर सभी कार्य किये जा रहे हैं। छोटा हाथी की बाॅडी पास कराने के नाम पर एक हजार रूपये वसूले जा रहे हैं। एआरटीओ विभाग के कर्मचारी भी इस नये आये अधिकारी से परेशान हैं। उक्त अधिकारी के नाम की रिश्वत एक प्राइवेट आदमी वसूलता है तभी जाकर आम आदमी का काम होता है। समाजसेवी शाहिद लुहारी ने डीएम सुरेन्द्र सिंह से मांग की है कि एआरटीओ कार्यालय में चल रही रिश्वतखोरी को तुरंत समाप्त कराकर आम आदमी का उत्पीड़न समाप्त कराया जाये तथा रिश्वतखोर अधिकारी को तुरंत निलम्बित किया जाये। उक्त अधिकारी हाल ही में गाजियाबाद में निलम्बित हुआ था तथा उसकी निलम्बन के बाद यह पहली पोस्टिंग है। |
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