राष्ट्रीय (02/06/2013)
नशे के कारण बढ रही हाइर्व पर दुर्घटना में मौत
मुजफ्फरनगर। जिले भर में युवा पीढी नशे की जकड में फंसती जा रही है। नशा करने वाले युवक शादी या अन्य किसी खुशी के कार्यक्रमों में अपने परिजनों के सामने ही नशे में झूमते अक्सर दिखाई देते है तथा चोरी छिपे नशा करने वाले युवक नगर में या फिर नगर के बाहर इन दिनों नहर के पास या राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होटलों, ढाबों व रेलवे स्टेशनों व बस स्टेशनों के समीप स्थित चाय, जूस तथा भोजन की ठेलियों पर शाम के समय नशा करते मिल जायेंगे। यह किसी से छिपा नहीं है। जनपद के होटलों व रेस्टोंरेंटों में भी बैठकर सेवन करते हुए युवकों को ही नहीं बडों को भी यहां तक की इनमें अधिकांश रहीशजादों की संख्या ज्यादा होती है जिन्हें खुलेआम शराब का सेवन करते देखा जा सकता है और यह सब पुलिस की बेहरबानियों पर ही चल रहा है। क्योंकि जनपद स्थित बस स्टैण्ड व रेलवे स्टेशनों के समीप चल रहे अधिकांश होटल व रेस्टोरेंटों में जिस तरह बिना लाईसैंस के पियक्कडों को बैठाकर शराब का सेवन कराया जाता है वह कानून का उल्लंघन होने के कारण एक कानूनी अपराध है। परंतु जनपद पुलिस इस ओर से आंखे मूंदकर बैठ जाती है क्योंकि पुलिस इन होटल मालिकों की यदि यह दुकान बंद करा दे तो पुलिस के कमाऊं पूत खत्म हो जायेंगे। यही कारण कि पुलिस की हफ्ता कमाई चलती रहने के लिए ही पुलिस की मिलीभगत से ही इन स्थानों पर लोगों को बैठाकर खुलेआम बिना किसी डर के शराब का सेवन धडल्ले के साथ कराया जाता है। पियक्कडों द्वारा शराब के नशे में धुत्त होकर अधिकांश लोगों को सडकों पर एक दूसरे या फिर शराब के ठेकेदारों के साथ ही लडते देखा जाता है। बताते चलें कि नगर में शाम होते ही रोडवेज अड्डा, रेलवे स्टेशन, प्रकाश चौक व महावीर चौक के समीन स्थित चाय व होटलों सहित रेस्टोरेंटों व अन्य खाना बनाने वाले ठेले पर शराबियों को शराब का जमावाडा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक इनकी संख्या में इजाफा हो जाता है। इतना ही नहीं हाइवे पर स्थित होटलों व रेस्टोरेंटों पर भी अधिकांश रहीशजदों को नशे का सेवन करते देखा जा सकता है। जबकि निम्न वर्ग व मध्य वर्ग के युवा भी बडे बुजुर्गाें भी नशे की लत से दूर नहीं है। इनमें भी नशे का सेवन करने का प्रचलन तेजी के साथ बढता जा रहा है। अब सच्चाई यह है कि नशे की लत के आधी हो चुके युवा नगर या हाईवे पर या फिर नहरों की पटरी पर मौका मिलते ही होटलों या ढाबों पर जाकर दो दो जाम टकराने से नहीं चूकते है। यही नही सूत्रों की माने तो कालेज के छात्रों में कुछ युवा वर्ग वीयर का सेवन करने में कोई बुराई नहीं समझते है। सच्चाई भी देखने को यही मिलती है कि घर में किसी का जन्मदिन हो, भाई की नौकरी का अवसर हो, शादी विवाह आदि का समारोह हो ऐसे सभी कार्यक्रमों में युवाओं की सबसे बडी मांग बीयर और वाइन की होती है। हालात यहां तक बन चुके है कि यदि किसी समारोह में पैग नहीं मिला तो युवाओं की नजर में वह समारोह नहीं होता। कोई भी समारोह हो और समारोह में डीजे लगा हो तो उस पर थिरकने के लिए युवाओं को नशे का सहारा लेना पडता है। यदि वह नशा नहीं करते तो वह डीजे की थाप पर नाच भी नहीं सकते है। बिना नशे के डीजे की थाप भी बेकार दिखाई देती है। इन दिनों चल रहे शादी समारोह में युवाओं से बात की गयी तो युवाओं ने यही कहा कि शादी समारोह में बिना जाम के पैर जाम हो जाते है और जाम अंदर जाते ही पैरा का जाम टूट जाता है और बिना ब्रेक लिये वह डीजे पर नाचने का आंदन लेते है। नशे की लत के शिकार हो चुके चुका युवा अपने भविष्य को अंधकारमय बनाने में लगे हुए है। साथ ही समाज के लिए युवाओं में नशे की लत घातक हो सकती है। कालेज में पढने वाले कुछ छात्रों से सम्पर्क कर उक्त के सम्बंध में बात की गई तो ज्यादातर छात्रों का कहना रहा है कि अपने परिजनों से छिपकर ही ज्यादातर युवा बीयर आदि का सेवन करते है। लेकिन शुरू-शुरू में यह सेवन सोकिया होता है ओर बाद में धीरे-धीरे इसके सेवन के आधी हो जाते है और इसके लिए परिजन व मित्र ही जिम्मेदार होते है। क्योंकि अधिकार परिजन अपने बच्चों के सामने ही शराब का सेवन करते है जिसको देखकर शराब पीने की आदत उनके लिए सोकिया बन जाती है और अधिकांश परिजन अपने बच्चों को शराब का सेवन करने की बात को हल्के में लेते है जिस कारण धीरे धीरे यह लत उनके पड जाती है और बच्चे इसके आधी हो जाते है। यदि शुरू में ही परिजन लापरवाही न करें तो उनके बच्चे नेशे की लत के शिकार नहीं बनें। एक यह भी सच्चाई है कि नशा ही युवाओं को अपराध की ओर धकेलने का धीरे धीरे कार्य कर रहा हैं अधिकांश युवा नशे के कारण अपराध की जकड में पड रहे है। जिसका अहसास युवा को जब होता है जब उसे पुलिस किसी न किसी गंभीर मामले में जेल भेजती है। ऐसा होने पर ही युवा या फिर उनके परिजनों को अहसास होता है कि काश नशे की लत पडने से पहले ही परिजनों अपने लाडलों पर समय रहते अंकुश लगाया होता तो शायद यह दिन देखने को ना मिलता। यहां सह कहावत सही साबित होगी अब पछताय होत क्या, जब चिडियां चुग गई खेत। नशे के कारण टूट रहे बंधन युवाओं में बढ रही नशे की लत के कारण अधिकांश परिवारों मे ंविघटना की स्थिति पैदा हो गयी है। यहां तक अधिकांश युवाओं का घर भी शादी के कुछ ही समय पश्चात टूट जाता है। क्योंकि युवक नशे की लत में धुत होकर रात को घर पर आता है जिस कारण उसकी अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ मन मुटाव हो जाता है और यह रोजमर्रा की आदत हो जाती है और घर में रोजाना घर में लडाई झगडा होता रहता है तथा स्थिति तलाक तक पहुंच जाती है और एक अन्तिम स्टेज पर पहुंचकर दोनों के बीच शराब के कारण विवाह विच्छेद हो जाता है। नशे के कारण बढ रही हाइर्व पर दुर्घटना में मौत युवाओं में बढ रहे नशे की आदत के कारण अधिकांश युवाओं को मौत के मुंह में धकेल रहा है। युवा वर्ग नशे में धुत होकर हाइवे पर बाइक या चौपहियां वाहन चलाते है। नशे में धुत होने के कारण वह गति पर नियंत्रण नहीं कर पाने के कारण वाहन अनियत्रित हो जाता है और दुर्घटना को दावत देते है। अधिकांश देखने में आया है कि हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में युवाओं की ज्यादा मौत होती है। एक सर्वे में भी साबित हो चुका है कि दुर्घटनाओं में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण ही दुर्घटना घटित हो जाती है और अधिकांश युवाओं की मौत दुर्घटनाओं में हो रही है। |
Copyright @ 2019.