राष्ट्रीय (05/04/2013) 
राहुल गाँधी ज्वलंत समस्याओं के समाधान हेतु प्रभावी हल बताने में रहे नाकामयाब
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी आज सी आई आई को संबोधित करते हुए देश के समक्ष वर्तमान ज्वलंत समस्याओं का कोई भी 'क्लिनिकल' समाधान बताने में पूरी तरह नाकामयाब रहे ! उन्होंने समस्याओं की एक लम्बी फेहरिस्त जरूर सुनाई लेकिन उन समस्याओं से निपटने के लिए क्या रोडमैप हो और किस प्रकार योजनाबद्द तरीके से समस्याओं से निपटा जाए यह बताने में भी  गाँधी असफल रहे ! देश के विकास में इंडिया इंक के योगदान का जिक्र करना वो नहीं भूले लेकिन हैरत की बात है की 20 लाख करोड़ रुपये के सालाना व्यापार करने वाले रिटेल सेक्टर का अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है, इसका जिक्र करना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा इस से उनके द्वारा चीज़ों को 'कॉर्पोरेट' नजरिये से देखा जाना स्पष्ट दिखाई देता है -यह टिपण्णी कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भर्तिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीण खंडेलवाल ने राहुल गाँधी के संबोधन पर व्यक्त की !
 
भर्तिया एवं  खंडेलवाल ने कहा की यूपीए के अन्य नेताओं की तरह  गाँधी ने भी कॉर्पोरेट सेक्टर के प्रति असीम प्रेम को प्रदर्शित करने में कोई कसार नहीं छोड़ी  और ऐसा लगा केवल कॉर्पोरेट सेक्टर ही भारत में विकास का इंजन बन सकता है ! उनके संबोधन से यह पता ही नहीं चला की वो देश को किस ओर ले जाने की बात कह रहे हैं ! बेहतर होता यदि  राहुल गाँधी उन मुद्दों ओर उपायों पर खुली चर्चा करते जिनके द्वारा देश में अर्थव्यवस्था की गिरती हालत को सुधारा जाता, हमारे निर्यात कैसे ज्यादा से ज्यादा हों, घरेलु संसाधनों का दोहन करते हुए किस प्रकार उद्योग ओर व्यापार को मजबूत कर सकते हैं  लेकिन इस ओर उनका ध्यान ही नहीं गया ..
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