भाजपा प्रदेश कार्यालय पर सभी जिला अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भाजपा कार्यकत्र्ता दिल्ली सरकार की राजीव रत्न आवास योजना-2007 के अधीन रजिस्ट्रीकृत सभी 4 लाख व्यक्तियों के संपर्क स्थापित करें। यह भी निर्णय लिया गया कि वे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निवास स्थान पर एक विशाल प्रदर्शन करने के लिए उन्हें आज प्रातः 10 बजे एकत्रित करेंगे.. भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ऐसे नेताओं की पार्टी है जो हवाई किले बनाने में माहिर हैं। एक ओर तो राहुल गांधी सीआईआई के मंच से जनता को खोखली भावनात्मक अपील करते हैं और दूसरी ओर शीला दीक्षित गरीबों के साथ किये गये वायदों को पूरा नहीं करतीं। गोयल ने याद दिलाया कि दिल्ली के झुग्गी-झोंपडि़यों में रहने वाले लोगों को शीला दीक्षित ने 2007 में विधानसभा चुनाव से पूर्व 4 लाख मकान देने का वायदा किया था। इसके लिए 4 लाख गरीब लोगों ने प्रति आवेदन 100 रूपये जमा भी किये थे। किन्तु यह विडम्बना है कि दिल्ली सरकार ने जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूबल मिशन के अधीन केन्द्रीय समिति से केवल एक लाख मकानों के लिए ही मंजूरी ली। किन्तु इनमें से 44,000 मकान की योजना इसलिये रद्द कर दी गई कि इसके लिए अपेक्षित भूमि आवंटित नहीं हो सकी। लेखा परीक्षा के समय केवल 10,000 मकान ही बनाये गये थे और इनमें से केवल 85 मकान ही आवंटित किये गये। गोयल ने यह भी कहा कि इस सरकार कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है। विजय गोयल ने आगे कहा कि दिल्ली लोकायुक्त ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के विरूद्ध उनके द्वारा विधानसभा चुनाव 2008 के दौरान गुमराह करने वाली घोषणा के लिए राषट्रपति को कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। शीला दीक्षित ने दावा किया था कि 60,000 मकान आवंटन के लिए तैयार हैं जबकि उन्हें पता था कि ऐसा नहीं है। श्री गोयल ने यह भी कहा कि सीएजी ने भ्रषट शीला दीक्षित के झूठे वायदों का खुलासा उसी प्रकार किया है जिस प्रकार लोकायुक्त ने पहले किया था। गोयल ने यह मांग की है कि उन मंत्रियों और अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए जो इसके लिए जिम्मेदार हैं। शीला दीक्षित ने उस समय गरीब लोगों के प्रति विशवासघात किया जब वे पहले से ही महंगाई से पीडि़त हैं। महंगाई के कारण उन्हें दो जून का खाना भी नसीब नहीं हो रहा है क्योंकि आवशयक वस्तुयें बहुत महंगी हैं। सीएजी ने दिल्ली सरकार की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने महंगाई नियंत्रित करने के लिए आवंटित राशि का भी उपयोग नहीं किया। सीएजी ने बताया कि आवशयक वस्तुओं की महंगाई को रोकने उद्देशय से मार्किट इन्टरवेंशन के लिए 2.5 करोड़ रूपये रखे गये थे जिसका सरकार ने कोई उपयोग नहीं किया। |