राष्ट्रीय (04/04/2013) 
अवैध रूप से स्थापित बैंकट हालों पर आखिर कब होगी कार्रवाई?
मुजफ्फरनगर। पिछले कुछ सालो में मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के निशाने पर नगर के लगभग दो दर्जन बैंकेट हाल व उत्सव मंडप है लेकिन एमडीए की कार्यप्रणाली ने उसे खुद को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। एमडीए नगर में अवैध रूप से तथा निर्धारित नियमों के विपरीत खड़े करोड़ांे के बैंकट हालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। पिछले कई सालों से नगर में अवैध रूप से स्थापित बैंकट हालों को नोटिस देकर एमडीए अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर लेता है क्योंकि नगर में बने ज्यादातर बैंकट हाल बड़ी पार्टियों के बड़े नेताओं के हैं। एमडीएम ने कई बार उक्त बैंकट हालांे को ध्वस्तीकरण के नोटिस को जरूर दिये हैं लेकिन चांदी का जूता ऐसा पड़ता है कि एमडीए अधिकारी भी बेबस हो जाते हैं। भाजपा के पूर्व नगर विधायक का भी नगर के तीन बैंकट हालों में हिस्सा है। इसके अलावा कई दलों के अन्य नेताओं व उद्योपति भी बैंकट हाॅलों के कारोबार से जुड़े हैं।
दोबारा से एक बार फिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन कराने हेतु मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने नगर के अवैध बैंकट हालों को सील करने के लिए मुहिम शुरू कर दी है। जिसके तहत डीएम सुरेन्द्र सिंह तथा एसएसपी मंजिल सैनी को  8 व 9 अप्रैल को नगर मंे स्थित 21 अवैध बैंकट हाल सील करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिसबल उपलब्ध कराने के लिए भी पत्र लिखा गया है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष श्याम सिंह यादव ने बताया कि ब्रह्म सिंह प्रजापति सामाजिक कार्यकर्ता ने एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिनांक 8.9.2010 में दायर की थी। जिसमें जनपद के उन 42 बैंक्वेट हालों व उत्सव मंडपों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जो अवैध रूप से चल रहे हैं और उनमें पार्किंग के साथ अग्निशमन सुरक्षा का भी अभाव है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में निर्देश दिए थे कि उपाध्यक्ष मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण व चेयरमेन नगरपालिका अवैध रूप से चल रहे बैंकट हालों व उत्सव मंडपों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप है कि पिछले साल प्राधिकरण और नगरपालिका ने सभी बैंकट हालों को नोटिस जारी कर मामले की इतिश्री कर ली थी। इसके बाद वादी ने कोई कार्रवाई न होने पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दिनांक 2.9.2011 को कोर्ट की अवमानना का वाद दायर किया था। जिसमें उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर प्राधिकरण ने शपथपत्र देकर हाईकोर्ट को कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। अब हाईकोर्ट के निर्देश पर प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण के लिए 21 बैंक्वेट हालों को सील करने की सूची तैयार की है। इन सभी को पूर्व मेंं भी नोटिस जारी किये जा चुके है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ समय से पुलिसबल न मिलने के कारण ध्वस्तीकरण की कार्यवाही अमल में नहीं आ पायी थी जिसे दृष्टिगत रख अब डीएम तथा एसएसपी को पुलिसबल उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है जिससे उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
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