दिल्ली के अरबपति नेता दीपक भारद्वाज की हत्या के मामले में साजिश की नई परतें खुल रही हैं. इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस में पहले किसी 'गुरुस्वामी' का नाम सामने आया है. साथ ही पुलिस की निगाहें अभी कुछ और लोगों पर टिकी हैं जो साजिश में शामिल हो सकते हैं. उधर, कोर्ट ने पुरुषोत्तम, सुनील और अमित को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है,मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस की एक टीम उत्तराखंड के रानीखेत गई हुई है. वहीं कोर्ट में में दिल्ली पुलिस ने बयान दिया कि अभी तक मुख्य आरोपी की पहचान नहीं हो सकी है,दरअसल ऐसा लग रहा है केस अब ऐसे मोड़ पर पहुंच गया है जहां खुलासे तो कई हैं लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं. मंगलवार का सबसे बड़ा खुलासा गिरफ़्तार किए गए शूटर पुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू ने किया,पुरुषोत्तम ने पूछताछ में पुलिस को कई नाम बताए. पुलिस के मुताबिक पुरुषोत्तम ने किन्हीं मलिक, यादव और गुरुस्वामी का नाम लिया. पुरुषोत्तम ने बताया कि गुरुस्वामी ने ही भारद्वाज के कत्ल के लिए 2 करोड़ की सुपारी दी थी,चूंकि आनंद महाराज, दीपक भारद्वाज के गुरु रहे हैं इसलिए उनका नाम पुरुषोत्तम के बताए नाम 'गुरुस्वामी' से जोड़ा जा रहा है,हालांकि ये बात कई लोगों के गले नहीं उतरती कि एक अरबपति कारोबारी और सियासी दल का नेता, जो पारिवारिक दिक्कतों से जूझ रहा हो, वो अपने गुरु से अपनी परेशानियों का जिक्र ना करे. वो भी तब जब लंबे अरसे से दोनों की अच्छी जान पहचान हो,उधर, आज कोर्ट में पुलिस ने कहा कि भारद्वाज की हत्या की साजिश में एक महंत की अहम भूमिका रही है. पुलिस के मुताबिक महंत ने हत्यारों और साजिश रचने वालों के बीच बिचौलिए का रोल अदा किया है,पुलिस ने यह भी कहा कि अभी इस केस में तीन-चार लोग और हो सकते हैं जिनकी पहचान किया जाना बाकी है,अभी तक वो सिमकार्ड भी नहीं बरामद हुआ है जिसका इस्तेमाल हत्यारों ने किया था, जबकि सुनील ने पुलिस को बताया है कि उसे राजू नाम के डीलर ने हथियार मुहैया कराए थे,लेकिन राजू तक पुलिस अब तक नहीं पहुंच पाई है. |