डीईआरसी के चैयरमेन और सदस्यों से दो घंटे बातचीत करने के बाद भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि डीईआरसी के एक सदस्य जेपी सिंह ने यह माना है कि वे पहले तीनों बिजली कम्पनियों में डायरेक्टर रहे हैं और डीईआरसी ने यह भी माना है कि उन्होंने वे ही कन्सलटेंट डीईआरसी के लिए नियुक्त किए, जो बिजली कम्पनियों के भी कन्सलटेंट हैं। इससे यह साफ साबित हो जाता है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार जो इन कम्पनियों में आधे की साझेदार है और डीईआरसी और बिजली कम्पनियां मिली हुई हैं। इसलिए आज श्री गोयल के नेतृत्व में भाजपा की युवा मोर्चा शाखा के 2000 से अधिक कार्यकत्र्ताओं ने बिजली आन्दोलन को तीसरे दिन जारी रखते हुए शीला दीक्षित के निवास का घेराव किया। गोयल ने कहा यदि सरकार ही जनता को लूटेगी तो फिर जनता किससे गुहार लगाएगी। मैंने डीईआरसी के सदस्यों को नसीहत दी थी कि वे रिटायर हो चुके हैं और इन बिजली कम्पनियों को संभालना उनके बूते की बात नहीं है, इसलिए वे इस्तीफा दे दें। गोयल एवं युवा मोर्चा अध्यक्ष नकुल भारद्वाज को सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने गिरफतार करके तुगलक रोड पुलिस स्टेशन पर भेज दिया। गोयल का कहना है कि जब दिल्ली सरकार इन बिजली कम्पनियों में आधे की साझेदार है तो फिर बिजली के दाम कैसे बढ़ रहे हैं ? कल डीईआरसी चैयरमेन और उसके सदस्यों से दो घंटे की मुलाकात के बाद गोयल का कहना है कि शीला सराकर, डीईआरसी और बिजली कम्पनियों मिली हुई हैं और इसकी सबसे ज्यादा जिम्मेदार मुख्यमंत्री हैं, इसलिए मुख्यमंत्री के निवास का घेराव किया गया। आज भी अगर दिल्ली सरकार चाहे तो बिजली के दाम 30 प्रतिशत कम हो सकते हैं। भाजपा सत्ता में आएगी तो बिजली के दाम 30 प्रतिशत कम करके दिखाएगी। गोयल ने कहा कि वे अपनी बातचीत के और भी खुलासे करेंगे। गोयल ने मुख्यमंत्री को सीधा चुनौती दी कि वे किसी भी प्लेटफार्म पर और किसी भी चैनल पर बिजली को लेकर बहस कर सकती हैं और हम साबित कर देंगे कि ये बिजली के दाम मिलीभगत से बढ़ रहे हैं। गोयल ने कहा कि उनका आन्दोलन गांव-गांव और पार्क-पार्क में फैल जाएगा। |