भाजपा विधायक रमेश बिधूड़ी पर दर्ज एफआईआर को गंभीरता से लेते हुये भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा है कि मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार बौखला गई है और भाजपा तथा उसके नेताओं के खिलाफ दुर्भावना से कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री सदन की नेता हैं। क्या उन्होंने एक बार भी अपने माननीय विधायक से सत्य जानने की कोशिश करी ? यह कथित घटना 7 मार्च की है और इसकी एफआईआर 5 दिन बाद की जाती है! इससे साफ पता चलता है कि श्री बिधूड़ी पर दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। यदि महिला को वास्तव में कोई परेशानी होती तो क्या उसके अगले दिन एफआईआर नहीं करती ? एक सम्मानित विधायक जो लोक सभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं, के खिलाफ धारा 509, 186 लगाई जा रही हैं। यदि एक चुना हुआ विधायक, मंत्री को अपनी सीट पर न पाकर जनता की ’शिकायत लेकर संबंधित कर्मचारी के पास जाता है और कर्मचारी गलत व्यवहार करता है तो क्या विधायक को अपनी बात समझाने का भी अधिकार नहीं है ? मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बौखला गई हैं, क्योंकि पिछले दिनों निर्भया,दामिनी के बलात्कार की घटना के बाद भाजपा लगातार दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आवाज उठा रही है और स्वयं मुख्यमत्री ने भी यह मान लिया कि उनकी बेटी भी दिल्ली में सुरक्षित नहीं है तो वे भाजपा और उनके नेताओं को बदनाम करना चाहती हैं।
आशचर्यजनक बात यह है कि यह महिला कर्मचारी और विधायक रमेश बिधूड़ी दोनों विभाग में शिकायत करते हैं, पर विभाग केवल महिला की ’शिकायत को थाने में भेजता है, उसमें भी हमारा मानना है कि उस महिला कर्मचारी पर दबाव डाला जा रहा है। बिजली, पानी, अनधिकृत कालोनी और अब गांवों में आन्दोलन छेड़ने पर कांग्रेस सरकार पुलिस का दुरूपयोग करने में लगी है। पहले लक्ष्मी नगर ‘शकरपुर मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ एकतरफा एफआईआर कर यह कोशिश की गई कि वे सभी गिरफ्तार हो जाएं। दूसरी तरफ जब हम पुलिस कमीशनर को मिलें तो उन्होंने हमें आशवस्त किया कि एकतरफा एफआईआर नहीं होगी और अब पुलिस कमीशनर पर भी दबाव डाला जा रहा है। जिस पुलिस कमीशनर पर मुख्यमंत्री ने आरोप लगा रखें हों, वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए कितने दबाव में होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। महिलाओं की सुरक्षा, भ्रषटाचार, मंहगाई, बिजली, पानी आदि समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए इस तरह की ओछी हरकतें दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री कर रही हैं।
|