मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) शिमला के कला एवं प्रशासनिक खण्ड के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। इस खण्ड की आधारशिला 9 अगस्त, 2007 को श्री वीरभद्र सिंह ने ही कांग्रेस सरकार के पूर्व कार्यकाल में रखी थी, किन्तु पिछली भाजपा सरकार ने इस निर्माण कार्य के लिए आवंटित धनराशि को अन्यत्र खर्च कर दिया और इस परियोजना का कार्य अधूरा रह गया। मुख्यमंत्री आज आरकेएमवी शिमला के 35वें वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय की समृद्ध परम्परा रही है और यहां से शिक्षा प्राप्त कर चुके अनेक छात्र विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं। उन मेधावी छात्रों जिन्होंने शिक्षा, खेल एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इन छात्रों की उपलब्धियां अन्य को भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेंगी। उन्होंने छात्रों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रधानाचार्य एवं अन्य अध्यापकों को बधाई दी।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार 500 करोड़ रुपये के प्रारम्भिक निवेश से एक दक्षता विकास निगम स्थापित करने पर विचार कर रही है। इसके माध्यम से बेरोजगारी पर अंकुश लगाने के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को यहां स्थापित हो रहे उद्योगों में रोज+गार उपलब्ध करवाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दक्षता विकास प्राधिकरण भी गठित किया जाएगा तथा अगले पांच वर्षों में कम से कम 5 लाख रोज+गार के अवसर सृजित करने के प्रयास भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रेस को लोकतंत्र का चैथा स्तम्भ माना जाता है तथा राज्य सरकार प्रदेश में उपयुक्त स्थान पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय भी स्थापित करेगी। मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और प्रदेश के युवाओं को उनके घरों के समीप गुणात्मक शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
12वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत प्रदेश में उच्च शिक्षा पर 962 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं तथा इस वित्त वर्ष में 74 करोड़ रुपये व्यय कर राजकीय महाविद्यालयों एवं स्कूलों में भवन निर्माण को अतिरिक्त प्राथमिकता दी जा रही है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में महिला शिक्षा दर देश के अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में वर्तमान में 74,217 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनमें से 45,156 लड़कियां हैं, जो कि कुल छात्रों का 60 प्रतिशत से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा की समग्र दाखिला दर (जीईआर) 23.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 15 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य इस दर को वर्ष 2020 तक 35 प्रतिशत तक ले जाने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद उन सभी 149 सरकारी विद्यालयों को पुनः खोलने का निर्णय लिया, जिन्हें पिछली सरकार के कार्यकाल में डी-नोटिफाई कर दिया गया था। इनमें 34 प्राथमिक, 66 माध्यमिक, 25 उच्च एवं 24 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय विद्यालयों के सभी छात्रों को घर से स्कूल तथा वापिस आने-जाने के लिए राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में प्रथम अप्रैल, 2013 से निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। श्री वीरभद्र सिंह ने जिला प्रशासन को सरकुलर मार्ग पर आरकेएमवी के लिए उपयुक्त पार्किंग स्थल चिन्हित करने के निर्देश दिए ताकि छात्रों एवं अध्यापकों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए महाविद्यालय के प्रांगण में काॅलेज के कार्य समय के दौरान महिला पुलिस आरक्षी की तैनाती की जाएगी। उन्होंने काॅलेज में नियमित फार्मासिस्ट और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात करने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों को पुरस्कृत भी किया। आरकेएमवी की प्रधानाचार्य प्रो. मीरा वालिया ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए महाविद्यालय की विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने सदैव ही शिक्षा विशेषकर लड़कियों की शिक्षा पर बल दिया। श्री वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में ही हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बना, जहां लड़कियों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों सहित स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। निदेशक उच्च शिक्षा दिनकर बुराथोकी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उद्योग तथा सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक अनिरूद्ध सिंह, नगर निगम शिमला के महापौर संजय चैहान, हिमाचल प्रदेश खेल एवं सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एडीएन बाजपेयी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद के सदस्य हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला की पार्षद अर्चना धवन एवं इन्द्रजीत सिंह, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। |