राष्ट्रीय (09/03/2013) 
यमुना बचाओ दिल्ली बचाओ दृष्टिपत्र जारी- विजय गोयल

‘यमुना बचाओ, दिल्ली बचाओ’ शीर्षक  से आज यमुना की दुर्दशा  और उसको बचाने के भाजपा के विजन के तहत भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष विजय गोयल ने आज एक पत्रकारवार्ता कर ‘विजन डाक्यूमेन्ट’ जारी किया। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि यमुना बचाने के नाम पर केन्द्र और दिल्ली की कांग्रेस सरकारों ने 3500 करोड़ रूपये पानी में बहा दिये, लेकिन यमुना की दशा  आज जस की तस है।  इसके लिए सीधे तौर पर कांग्रेस सरकारें ही जिम्मेदार हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना का बहाव 48 किलोमीटर लम्बाई में है।  जिसमें से 22 किलोमीटर यमुना पूरी तरह मृत नदी बन गई है।  इस क्षेत्र में नदी ठहर गई है।  जिस नदी में पानी का बहाव नहीं होता है, वह नदी नदी नहीं मानी जाती है।  भारतीय संस्कृति और आस्था की प्रतीक जीवन दायिनी यमुना को बचाने के लिए ‘विजन डाक्यूमेन्ट’ में गोयल ने 9 सूत्रीय कार्ययोजना भी बताई।  इसके तहत हथिनीकुंड बैराज से यमुना में पर्याप्त जल छोड़ने, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के निर्देशो  को लागू करना, दिल्ली की सीवर समस्या का संपूर्ण समाधान करने, पूर्ण दक्षता प्राप्त सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाने,वर्ष जल संचयन और भूजल संरक्षण, दिल्ली की कचरा यमुना में गिरने से रोकने, दिल्ली की जल वितरण व्यवस्था को दोहरा बनाने, यमुना रिवर बेड को पूरी तरह संरक्षित क्षेत्र घोषीत करने और जनजागरण तथा जनसहभागिता शुरू करने की बात उन्होंने कही।

गोयल ने कहा कि यमुना नदी के दोनों किनारों पर दो-दो किलोमीटर क्षेत्र का खादर एरिया है।  इसमें बसने वाले किसानों, मछुवारों, ग्रामीणों तथा जलचरों पर निर्भर परम्परागत लोगों का संरक्षण करना सरकार का दायित्व है।  ज्ञात हो कि यमुना नदी 7 राज्यों के कुल 1376 किलोमीटर क्षेत्र से होकर गुजरती है और इलाहाबाद में संगम में जाकर गंगा और सरस्वती नदी में मिलकर समाप्त होती है।  दिल्ली में गुजरते समय इसमें 22 स्थानों पर बगैर ट्रीटमेन्ट के गंदा पानी सीधे मिलता है।  18 नाले यमुना में गिरते हैं।  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली की आबादी के 45 प्रतिशत हिस्से का कचरा बगैर ‘शोधन के यमुना नदी में सीधे मिल जाता है।  इसमें सबसे बड़ा प्रदूषण नजफगढ़ नाला पहुंचाता है जो 61 प्रतिशत कचरा सीधे यमुना में गिराता है।  यमुना में 668 एमजीडी सीवर का कचरा गिरता है लेकिन सरकारी स्तर पर सिर्फ 554 एमजीडी कचरा अधूरा शोधन करने की व्यवस्था है।  सिर्फ 330 एमजीडी कचरे का ही शोधन हो पाता है। शेष  338 एमजीडी कचरा यमुना में गिरता है।  यदि यही हाल रहा तो 10 साल बाद यमुना पूरी तरह समाप्त हो जायेगी।

उन्होंने कहा कि 1 मार्च से मथुरा से प्रारम्भ हुई यमुना मुक्ति यात्रा जिस समय दिल्ली की सीमा में प्रवेश  करेगी, भाजपा के हजारों कार्यकत्र्ता और गोयल स्वयं यात्रा का स्वागत करेंगे।  11 मार्च को जन्तर-मन्तर पर यात्रा का भव्य अभिनन्दन भाजपा करेगी।  उन्होंने सभी दिल्लीवासियों का आवाह्न किया कि वे दिल्ली का जीवन कही जाने वाली यमुना को बचाने के लिए भारी संख्या में आगे आयें नहीं तो सिर्फ पछताना ही शेष  बचेगा।  उन्होंने कांग्रेस की हरियाणा और दिल्ली सरकारों से मांग की कि वे यमुना को बचाने के लिए हरियाणा द्वारा 20 प्रतिशत अतिरिक्त पानी यमुना में छोड़ें ताकि यमुना का बहाव फिर से शुरू हो सके।  सरकार यह भी जवाब दे कि 3500 करोड़ रूपया खर्च करने के बाद भी यमुना की दशा  पहले से भी बदतर क्यों हो गई है ?  आखिर यह पैसा कहां गया, किसकी जेब में गया ?

‘विजन डाक्यूमेन्ट’ विजय गोयल, पूर्व प्रदेश  अध्यक्ष मांगेराम गर्ग, ओम प्रकाश  कोहली, चेतन चैहान, जगदीश  मुखी ने जारी किया।  इस अवसर पर विधायकगण रमेश  बिधूड़ी, मोहन सिंह बिषट, रविन्द्र बंसल, सुभाष  सचदेवा, सतप्रकाश  राणा, डाॅ. एस.सी.एल. गुप्ता, श्रीकृषण त्यागी, अनिल झा तथा पार्टी के वरिषठ नेता और कार्यकत्र्ता मौजूद थे।

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