केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. एम.एम. पल्लम राजू ने आज मंडी जिला के कमांद में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) के कमांद स्थित परिसर में नए भवनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कमांद में पराशर छात्रावास भवन तथा डा. एम.एम. पल्लम राजू ने एडवांसड मेटीरियलस अनुसंधान केन्द्र का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आई.आई.टी. के नए भवनों के लोकार्पण के लिए डाॅ. एम.एम.पल्लम राजू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्व. अर्जुन सिंह के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश के लिए दो महत्वपूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों को स्वीकृत करवाने में स्व. श्री अर्जुन सिंह की विशेष भूमिका रही। उन्होंने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव के पद पर तैनात श्री अशोक ठाकुर की राज्य के मामले को सही परिपेक्ष्य में प्रस्तुत करने और इस दिशा में सतत् प्रयास करने के लिए भी सराहना की। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कांगड़ा जिला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय और मंडी जिला में आईआईटी खोलना कांग्रेस सरकार का निर्णय था। उन्होंने कहा कि 2 अक्तूबर 2007 को गांधी जयंती समारोह के अवसर पर शिमला के ऐतिहासिक रिज+ मैदान से वित्त मंत्री श्री पी. चिदम्बरम ने इन संस्थानों को खोलने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटी मंडी श्रेष्ठ उच्च शिक्षा का पर्याय बन कर उभर रहा है और यह संस्थान निकट भविष्य में देश के उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षण संस्थानों में से एक बनेगा। उन्होंने कहा कि नए भवन, आईआईटी परिसर में नई सुविधाएं विकसित करने में सहायक बनेंगे। कमांद में समुचित जगह को देखते हुए ही आईआईटी की स्थापना यहां की गई है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों को स्थापित करने के लिए उदार वित्तीय सहायकता उपलब्ध करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश भारत सरकार की आभारी है। आईआईटी मंडी, निफ्ट कांगड़ा और एनआईटी हमीरपुर जैसे संस्थान विभिन्न कांग्रेस सरकारों द्वारा ही स्थापित किए गए हैं और इनके माध्यम से युवाओं को विश्व स्तरीय तकनीकी शिक्षा उपलब्ध हो रही है। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिला में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जा रहा है तथा प्रदेश के लिए एक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान भी स्वीकृत किया गया है। यह संस्थान शीघ्र ही ऊना में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रत्येक छात्र को ग्रामीण स्तर तक आधारभूत शिक्षा उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैंं। उच्च शिक्षा विशेषकर तकनीकी शिक्षा को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित करने के साथ-साथ दक्षता विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे। युवाओं को बीपीओ एवं सूचना प्रौद्योगिकी अपनाने पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग मंे व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की बड़ी मांग है ओर राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी एवं व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि युवाओं को सरकारी एवं निजी क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर मंडी-कमांद सड़क के सुधार एवं इसे चैड़ा करने के लिए 10 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कमांद स्कूल विद्यालय को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यायल के रूप में स्तरोन्नत करने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की घोषणा भी की। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ. पल्लम राजू ने कहा कि कम समय में ही आईआईटी मंडी ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि नए परिसर के लोकार्पण के उपरांत आईआईटी मंडी, देश की नई आईआईटी में ऐसी पहली आईआईटी बन गई है, जिसके पास अपना पूर्ण आवासीय एवं शैक्षणिक सुविधायुक्त परिसर है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोग देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार एवं मंडी के लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आईआईटी की स्थापना महत्वपूर्ण है और इससे हिमालय क्षेत्र को शिक्षण, अनुसंधान एवं खोज के क्षेत्र में विश्व स्तर का केन्द्र बनाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि अब उच्च शिक्षण संस्थान दुर्गम क्षेत्रों में खोले जा रहे हैं, जहां का स्वच्छ वातावरण इन्हें अधिक उपयोगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने वाला बनाता है। उन्होंने कहा कि यह आईआईटी एक इजीनियरिंग काॅलेज से कहीं बड़ी है, क्योंकि यहां आने वाले वर्षों में 800 से 1000 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आईआईटी भवनों के निर्माण की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए तथा केन्द्र सरकार इसके लिए समुचित धन एवं सहायता उपलब्ध करवाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विशेषकर उनके विधान सभा क्षेत्र में आईआईटी स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मंडी-कमांद सड़क को चैड़ा करने के लिए केन्द्र सरकार से सहायता प्रदान करने की मांग की। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी में आईआईटी एवं इएसआई मेडिकल कालेज स्थापित करने का श्रेय केन्द्र की कांग्रेस सरकार एवं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को जाता है, जिन्होंने सदैव मंडी जिला के लोगों के हितों का ध्यान रखा। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सचिव उच्च शिक्षा श्री अशोक ठाकुर ने कहा कि उनके कार्यकाल में मंत्रालय ने 8 नई आईआईटी स्वीकृत कीं, जिनमें से मंडी एक है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह को जाता है, जिन्होंने मंडी के कमांद को आईआईटी स्थापित करने के लिए चुना। उन्होंने आशा जताई कि यह संस्थान देश का अग्रणी संस्थान बनकर उभरेगा। आईआईटी बोर्ड आफ डायरेक्टर के अध्यक्ष पदमश्री एम. नटराजन ने कहा कि आईआईटी मंडी देश के उन पांच आईआईटी में से एक है, जहां कम लागत के आकाश टैबलेट के लिए नवीन एप्लिकेशन विकसित की जा रही हैं। इस टैबलेट को देश में छात्रों को वितरित किया जा रहा है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. टीमोथी ए. गोंजालविस ने कहा कि आईआईटी मंडी का उद्देश्य विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा, ज्ञान सृजन एवं खोज के क्षेत्र में भारत में अग्रणी बनना है, ताकि समावेशी एवं सतत् विकास के साथ समाज को आगे बढ़ाया जा सके। आईआईटी मंडी के कुल सचिव डाॅ. आर.सी. साहनी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। आबकारी एवं कराधान मंत्री श्री प्रकाश चैधरी, विधायक सोहन लाल ठाकुर, पूर्व विधायक टेकचंद डोगरा, सचिव तकनीकी शिक्षा के. संजय मूर्थी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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