राष्ट्रीय (08/03/2013) 
देश के चौथे स्तंभ का प्रधानमंत्री निवास पर प्रदर्शन

आम आदमी की आवाज से परेशान हरियाणा सरकार ने जनता टीवी के प्रसारण पर लगाई रोक
प्रसारण पर रोक लगाने से परेशान जनता टीवी के संपादक ने परिवार सहित किया प्रधानमंत्री निवास पर प्रदर्शन
संपादक का ऐलान- सरकार की तानाशाही के आगे नहीं झुकेंगे, जरुरत पड़ी तो हरियाणा में गली-गली जाकर अलख जगाएंगे

मुख्यमंत्री के मौखिक आदेश पर हरियाणा में कई दिनों से जनता टीवी के प्रसारण पर रोक लगा रखी है....इससे परेशान जनता टीवी के संपादक गुरबिंदर सिंह ने परिवार सहित प्रधानमंत्री निवास पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.....पुलिस और सीआईडी ने ज्ञापन लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया है......गौरतलब है कि जनता टीवी हरियाणा का क्षेत्रीय समाचार चैनल है.....जैसे कि नाम से जाहिर है कि जनता टीवी आम जनता का चैनल है...... आम जनता की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हम जनता टीवी पर सुनिश्चित करते हैं. हम बोल जनता बोल, बोल फ्री जैसे कई कार्यक्रमों के जरिए आम जनता को अपनी बात पूरी आजादी से टीवी चैनल पर रखने का मौका देते हैं. जनता का चैनल होने के कारण हम अपने कार्यक्रमों में दिन में कई बार अलग-अलग विषयों पर जनता की स्वतंत्र राय लेते रहते हैं. फोनिंग कार्यक्रम के दौरान कई बार कुछ दर्शक हरियाणा सरकार के खिलाफ खासकर मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना पक्ष रख देते हैं. कार्यक्रम के दौरान कुछ दर्शक हरियाणा सरकार के खिलाफ कुछ बोल देते हं  जिससे हरियाणा सरकार को परेशानी होती है और वो जनता टीवी का प्रसारण केबल पर बंद करवा देते हैं. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान एक दर्शक ने प्रदेश में हो रहे विकास के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा करते हुए हरियाणा सरकार खासकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जमकर कोसा जिससे नाराज होकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में डीपीआरओ को मौखिक संदेश भेजकर जनता टीवी के प्रसारण पर रोक लगवा दी है जिससे जनता टीवी का हरियाणा में करीब सभी जिला मुख्यालयों पर प्रसारण बंद हो गया है.किसी भी फोनिंग कार्यक्रम में फोन पर अगर कोई दर्शक सरकार के खिलाफ या किसी के खिलाफ कोई विचार व्यक्त करता है तो वो उसके नितांत निजी विचार होते हैं जिससे जरुरी नहीं कि न्यूज चैनल सहमत हो. न्यूज चैनल या मीडिया घटनाओं को दिखाने का एक माध्यम है. आम जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का एक प्लेटफॉर्म है. भारतीय संविधान में उल्लिखित मूल अधिकारों के तहत भारत के हर नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता है. संविधान में उल्लिखित नियमों के तहत ही देश और प्रदेश की जनता लोकतांत्रिक तरीके से सरकारें चुनती है ताकि वो जनकल्याण के लिए काम कर सकें, लेकिन क्या संविधान किसी भी सरकार को इस बात का भी हक देता है कि वो आम जनता की आवाज को दबा दे ? आम जनता की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम करने वाले मीडिया पर बंधन लगा दे ? उनके प्रसारण पर ही रोक लगा दे ? हरियाणा सरकार की ओर से हुई इस हरकत से लगता है जैसे सरकार को केंद्र द्वारा करवाये जा रहे विकास कार्यों के बारे में हरियाणा की जनता द्वारा की जा रही प्रशंसा पसंद नहीं है. तभी तो आम जनता जब जनता टीवी पर अपनी राय रख कर केंद्र सरकार की प्रशंसा और मुख्यमंत्री को केंद्र से सीख लेने की नसीहत दे रही थी तो इससे परेशान मुख्यमंत्री ने चैनल का केबल पर प्रसारण बंद करवा दिया है. मुख्यमंत्री की इस द्वेष भावना से किए गए काम के कारण चैनल से जुड़े लगभग 200 परिवारों का भविष्य अंधकारमय हो गया है.

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