उत्तर प्रदेश सरकार जहा प्रदेश की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए करोडो रूपये खर्च कर प्रदेश में शिक्षा को बेहतर करने के लिए लोगो को जागरूप करने का अभियान चलती है वही दूसरी ओर महोबा जनपद के रिवई गाव में एक ऐसे कई सालो से चल रहे फर्जी विद्यालय का भंडाफोड़ हुआ जिसकी मान्यता सिर्फ कक्षा 8 तक की थी ! लेकिन 1 से दसवी की कक्षाएं फर्जी चला रहे थे ! जिसके कारण उसी विद्यालय की हाई स्कूल बोर्ड की परीक्षा देने वाले लगभग सात आठ छात्रों का भविष्य फर्जी वाडे के चलते अन्धकार में चला गया है ! छात्रो के भविष्य के दो साल बर्वाद हो गए ! क्योंकि बोर्ड ने परीक्षा देने की स्वीकृति नहीं दी ! ये विद्यालय जिसे के ० एल ० डी ० पी ० माध्यमिक विद्यालय रिवाई के नाम से जाना जाता है ! इस विद्यालय की वास्तविक मान्यता कक्षा पहली से आठवी तक है ! लेकिन फर्जी ढंग से अधिक पैसा कमाने के चक्कर में नौवी और दसवी की कक्षाए भी लगई जाती है ! अगर विधालय को बाहर से देखा जाए तो पता ही नहीं चलता की यहाँ पर कोई हाई स्कूल विधालय है ! इस विधालय में न तो कोई ठीक से बैठने की जगह है और न ही कोई सुविधा है ! हमने विद्यालय प्रवन्धक से बात करने कोशिश की तब उन्होंने बताया की मेरा विद्यालय पहली से आठवी तक है और कहा की नौवी और दसवी की किसी भी कक्षा की पढाई नहीं कराई जाती है लेकिन हमने स्कूल के अन्दर जाकर जब वहा पड़ रहे बच्चो से पूछा तो पता चला की कक्षा 9 के वह छात्र है जिनसे बच्चो से हमने बात की उन्होंने हमें अपना नाम व वह किस कक्षा में पड़ते है यह भी बताया लेकिन जब हमने प्रबंधक से पूछा तो उन्होंने उस क्लास के सामने आने से मना कर दिया । आइये अब हम आपको उन बच्चो के बारे में बताते है जो की दसवी कक्षा के लगभग 57 छात्राये है जिनका भविष्य इस गोरख धंधा के चलते अंधकार में चला गया है और इस कारण ये सभी बच्चे अपने भविष्य के दो साल खो चुके है अब ये मासूम बच्चियो जो न्याय की आस लिए महोबा जिले के मुख्यालय में घूम रही है इन मासूम को क्या पता था कि वह जिस विद्यालय में पड़ कर भविष्य के सुहाने सपने सजो रही थी वास्विकता में वह विद्यालय फर्जी है । इन छात्रो को पता जब चला जब बोर्ड की परीक्षा होने कुछ ही दिन बचे है और वह परीक्षा में भाग लेने की उम्म्मीद से जब प्रवेश पत्र लेने गए तब उनको पता चला की वह बोर्ड परीक्षा में भाग नहीं ले सकते है क्योकि उनके द्वारा भरे गए बोर्ड परीक्षा फार्म फर्जी थे । वही दूसरी ओर बच्चियो के घर वाले ने इस फर्जी विद्यालय की शिकायत जिलाधिकारी से की और अपनी ब्यथा बताई और यह भी कहा कि इस धोखा धड़ी से हमारी बच्चिया बेहद मानसिक तौर से परेशान है और हो सकता है कि अपने भविष्य के दो साल बर्वाद होने कारण वह अपनी जान भी दे सकती है अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो । जब हमने इस पूरे फर्जी वाडे के बारे में जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी जाँच चल रही है जाँच पूरी होने बाद ही कोई कार्यवाही की जाएगी । जिले के आलाधिकारी भले ही जाँच की बात कर रहे हो लेकिन सवाल यह उठता है कि ५ ७ छात्रो के भविष्य क्या होगा जो इस फर्जी विद्यालय के शिकार हुए है और जिनकी जिन्दगी के महत्वपूर्ण दो साल बर्वाद हो गए ।इसका जिम्मेदार कौन है ? इन्द्रपाल
|