राष्ट्रीय (24/02/2013) 
कन्पैफडरेशन ने भारत को मुक्त व्यापार क्षेत्रा घोषित किये जाने की मांग की
कन्पैफडरेशन आफ आल इंडिया ट्रैडर्स ;कैटद्ध ने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री  पी चिदंबरम  को भेजे एक बजट पूर्व ज्ञापन में मांग की है कि असंगठित क्षेत्रा की देख रेख के लिए केन्द्र एवं राज्यों में अलग से एक आंतरिक व्यापार मंत्रालय गठित किया जाय तथा रिटेल सेक्टर के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति भी बनाई जाए। कैट ने यह भी मांग की है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाई एक्ट की तर्ज पर ही लघु एवं मध्यम रिटेलर्स एक्ट बनाया जाए जिससे रिटेल सेक्टर को मजबूत किया जा सके। कैट ने यह भी कहा है कि संसदीय स्थाई समिति की सिपफारिशों के अनुरूप रिटेल व्यापार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं बड़े कारपोरेट घरानों के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाए। अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में जिस तरीके से इजापफा हो रहा है उसको देखते हुए एक अप्रत्यक्ष कर बोर्ड का भी गठन करने का सुझाव कैट ने दिया है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी  भरतियाए महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने आज बताया कि कैट ने अपने बजट पूर्व ज्ञापन में जीएसटी कर प्रणाली पर रोडमैप तुरंत घोषित किये जाने की मांग की है वहीं दूसरी ओर अप्रैल 2013 से केन्द्रीय बिक्री कर को समाप्त किये जाने का भी आग्रह किया है। ध्यातव्य है कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2008 में बजट प्रस्तुत करते हुए वर्ष 2010 तक केन्द्रीय बिक्री कर समाप्त करने का वायदा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। कैट ने यह भी कहा है कि व्यापारियों को प्राइमरी सेक्टर लैंडिंग रेट पर बैंकों से वित्तीय सहायता देने की योजना भी बनाई जाय। कैट ने यह भी कहा है कि शैक्षिक एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रा में काम कर रहे व्यापारियों को स्पेशल पैकेज भी दिया जाय जिससे बेहद उचित दामों पर आम आदमी को शिक्षा और चिकित्सा उपलब्ध् हो सके।
  भरतिया एवं खंडेलवाल ने यह भी मांग की है कि पूरे भारत को मुख्य व्यापार क्षेत्रा घोषित किया जाय और अन्र्तराज्यीय व्यापार में लागू सभी प्रकार के एन्ट्री पफार्म, रोड परमिट, चुंगी तथा चैक पोस्टों को समाप्त किया जाय। कैट ने वित्त मंत्री का ध्यान व्यापार पर लगे सभी प्रकार के कर एवं अन्य कानूनों की ओर दिलाते हुए कहा है कि ऐसे सभी कानूनों की पुर्नसमीक्षा के लिए एक पुर्नसमीक्षा आयोग गठित किया जाय तथा जो कानून वर्तमान में अप्रासंगिक हो गये हैं उनको समाप्त किया जाय और जिन कानूनों में संसोध्नों की आवश्यकता है उनमें संसोध्न किये जायें। कैट ने यह भी मांग की है कि रिटेल सेक्टर को अत्याध्ुनिक बनाने और उच्चस्तरीय बनाने के लिए रिटेल व्यापार की जमीनी हकीकत और परेशानियों को समझना जरूरी है जिसके लिए अध्किरियों एवं व्यापारियों की एक संयुक्त समिति गठित की जाय।
अपने बजट पूर्व ज्ञापन में कैट ने कहा है कि प्रफी ट्रेड जोन और स्पेशल इकोनोमिक जोन की तर्ज पर सरकार को रूरल इकोनोमिक जोन गठित करनी चाहिए जिससे देश के ग्रामीण क्षेत्रा में व्यापार का अध्कि विकास हो सके और ऐसे क्षेत्रा में काम करने वाले व्यापारियों को पांच वर्ष तक सभी करों में छूट मिलनी चाहिए। कैट ने यह भी मांग की है कि 60 वर्ष से अध्कि आयु के व्यापारियों को पेंशन दी जानी चाहिए। जो उनके द्वारा एकत्रा किये गये कर एक हिस्सा हो सकती है।
कैट ने कहा है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए आयकर में छूट की सीमा को महंगाई दर की हिसाब से बढ़ाया जाय और इस मामले में छठे वित्त आयोग की सिपफारिशों को आधर बनाया जा सकता है।
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