राष्ट्रीय (24/02/2013) 
संविधान का इतिहास चार सौ वर्ष पुराना : सुभाष कश्यप
मुजफ्फरनगर। श्रीराम कालेज आफ ला के आडिटोरिय में अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि  लोकसभा के पूर्व सचिव व कानून विशेषज्ञ डा. सुभाष कश्यप ने कहा कि संविधान का इतिहास चार सौ साल पुराना है। 31 दिसम्बर 1600 को ब्रिटेन में संविधान की शुरूआत हुई। इसी के साथ भारत का संविधान भी अप्रत्यक्ष रूप से शुरू हो चुका है। चार्टर के रूप में तथा सके बाद विभिन्न एक्ट के रूप में संविधान का निर्माण होता रहा। 1857 के बाद भारतीय जनता की विभिन्न मांगों को पूरा करने के लिए ब्रिटिश शासकों ने विभिन्न कानून बनाये। 26 नवम्बर 1949 को जो संविधान भारतीय संविधान सभा ने पास किया उसमें गर्वनमेंट आफ इंडिया एक्ट 1935, कैबिनेट एक्ट 1945 में से लगभग अस्सी प्रतिशत ज्यों का त्यों है। स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विभिन्न मांगों को कानून का रूप दिया गया। हमारी संसदीय कार्य प्रणाली ब्रिटिश संसदीय प्रणाली नहीं है बल्कि कोलोनियल है। उन्हांेने कहा कि हमारे ज्यादातर कानून वही हैं जो अंग्रेजों ने बनाये सिर्फ शासकों का चेहरा बदला है। संविधान निर्जीव वस्तु नहीं है यह एक गतिशील सतत प्रक्रिया है। चाहे वह ब्रिटिश शासनकाल हो या आजादी के बाद का समय। आज भी संविधान बनने की प्रक्रिया मंे है। तेजपुर लाॅ कालेज के प्राचार्य कमल किशोर चन्दक डा. इकबाल हुसैन, जामिया मिलिया के प्रोफेसर डा. इकबाल हुसैन, डा. आशा भट्ट, डा. एम अशद मलिक, डा. नुजहत  परवीन खान तथा प्रो. वीपी तिवारी ने भी इस अवसर पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। अतिथियों ने कालेज प्रांगण में वृक्षारोपण किया। अंत में डा. बीके त्यागी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डा. आरएस चैहान, डीन प्रेरणा मित्तल, प्राचार्य ऋषिपाल सिंह परिहार, विधि विभागाध्यक्ष रविन्द्र प्रताप सिंह, प्रवक्ता मनोज शर्मा, आदित्य तिवारी, रेखा त्यागी, संजीव कुमार प्रशान्त चैहान, वीपी सिंह, पूनम शर्मा, नुहीन जैदी, रजिया बाना, रेखा त्यागी, मौ. आमिर, विनय तिवारी, नन्द किशोर व रवि गौतम का सहयोग रहा।
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