राष्ट्रीय (23/02/2013) 
चंडीगढ़-मण्डी-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 को स्तरोन्नत कर चार लेन किया जाएगा : वीरभद्र सिंह

मुख्यमंत्री  वीरभद्र सिंह ने कहा कि चंडीगढ़-मण्डी-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 को राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा स्तरोन्नत कर चार लेन किया जाएगा। पहले चरण में गरामोड़ा से नेरचैक तक 118 किलोमीटर निर्माण कार्य किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने और निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए समर्पित राजस्व अधिकारी की तैनाती की जाएगी। इसके अतिरिक्त शिमला-कालका फोर लेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी राजस्व अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वारघाट के निकट सुरंग का निर्माण किया जाएगा, जिससे कीरतपुर से नेरचैक तक लगभग 35 किलोमीटर और कुल्लू तक लगभग 60 किलोमीटर की दूरी कम होगी। प्रदेश सरकार चामुण्डा-होली सुरंग की व्यवहारिकता रिपोर्ट तैयार करेगी। इस सुरंग के निर्माण से चम्बा की दूरी लगभग 200 किलोमीटर कम हो जाएगी।
श्री वीरभद्र सिंह ने विभाग को रामपुर, आनी तथा किन्नौर के पन्द्रह-बीश क्षेत्रों के सभी दुर्गम क्षेत्रों को सम्पर्क मार्ग की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। यह क्षेत्र अभी तक अनदेखी के शिकार रहे हैं। उन्होंने टिक्कर-ननखंड़ी-खमाडी मार्ग, मेहंदली-टिक्कर मार्ग, सुंगरी-बाहली, ठियोग-रोहड़ू, नारकंडा-टिक्कर, नीरथ-ननखड़ी, आनी-जलोड़ी मार्गों का प्राथमिकता पर रख-रखाव सुनिश्चित बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को नारकंडा-सिद्धपुर-बागी-खदराला, सुंगरी-तकलेच-नोगली-माशनू-सराहन-घराट-ज्यूरी-शालाबाग-तरंडा मार्ग को राष्ट्रीय उच्च मार्ग में बदलने की संभावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को दत्त नगर-सुंगरी बाहली मार्ग को पक्का करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने रामपुर में काशापाट मार्ग के कार्य में तेजी लाने तथा दरकाली को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए पुल के निर्माण के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति भूमि अधिग्रहण के सभी मामलों को देखेगी। इस समिति में प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग एवं वन भी शामिल होंगे ताकि प्रदेश में सड़क निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि सड़कें हिमाचल प्रदेश की जीवन रेखाएं हैं तथा प्रदेश सरकार सड़क निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। 

 वीरभद्र सिंह ने कहा कि वन विभाग के समक्ष लगभग 380 सड़क परियोजनाओं के मामले स्वीकृति के लिए लम्बित हैं। उन्होंने वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्रों में जाकर इन मामलों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 485 बस्तियों के लिए सड़क निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट निजी भूमि उपलब्ध न होने के कारण तैयार नहीं की जा सकती है। इसके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत स्वीकृत 21 मार्गों पर भी निजी भूमि की उपलब्धता न होने के अन्तर्गत कार्य आरम्भ नहीं किया जा सकता। उन्होंने अधिकारियों को इस मामले को हल करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस समय कुल 32777 किलोमीटर वाहन योग्य सड़कें हैं, जिनमें 1553 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च मार्ग, 1530 किलोमीटर राज्य उच्च मार्ग, 1969 किलोमीटर प्रमुख जिला मार्ग तथा 27005 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। 720 किलोमीटर लम्बे मार्ग सीमा सड़क संगठन के पास हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल सड़कों में से 20189 किलोमीटर लम्बी सड़कों को पक्का किया गया है तथा 25006 किलोमीटर मार्ग पर जल निकासी सुविधा उपलब्ध है। राज्य में 1801 पुल हैं तथा कुल 18946 बस्तियों में से 12841 को सम्पर्क सड़कों से जोड़ा गया है। वर्तमान में प्रदेश में सड़क घनत्व 58.87 किलोमीटर प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान राज्य में सड़कों एवं पुलों के निर्माण पर 1082.55 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे है।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि 1611 किलोमीटर के लक्ष्य के मुकाबले गत वर्ष दिसम्बर माह तक 1296 किलोमीटर मार्गों पर ब्लैक टाॅपिंग का कार्य पूरा किया गया है तथा शेष बचे मार्ग पर यह लक्ष्य मार्च, 2013 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुल 170 किलोमीटर मार्ग का निर्माण प्लास्टिक सामग्री से किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को प्लास्टिक के उपयोग से मार्गों का निर्माण कार्य जारी रखने के निर्देश दिए ताकि पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने ब्लैक स्पाट पर चिंता व्यक्त करते हुए लोक निर्माण विभाग को सभी ब्लैक स्पाटों पर दिशा निर्देश पट्टिकाएं स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि लोग इन खतरनाक स्थानों से सचेत हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को यातायात चिन्ह लगाने के भी निर्देश दिए ताकि लोग एवं राज्य में आने वाले पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान 190 ब्लैक स्पाटों का सुधार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 284 करोड़ रुपये की लागत के 141 सड़क परियोजना प्रस्तावों को 15 फरवरी, 2013 को भारत सरकार को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्गों की कुल लम्बाई 1553 किलोमीटर हैं। राष्ट्रीय उच्च मार्गों के आठ और प्रस्ताव जनवरी, 2013 में भारत सरकार को भेज गए हैं, जिनमें से पांच प्रस्तावों को भारत सरकार ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग घोषित करने की सैद्धांतिक सहमति दी है।
 वीरभद्र सिंह ने राज्य में विशेष तौर पर संजौली बाईपास पर सभी मार्गों के निकट अनाधिकृत निर्माण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव  एस. राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  वी.सी. फारका, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग  नरेन्द्र चैहान, प्रधान सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ  प्रदीप चैहान, विशेष सचिव लोक निर्माण विभाग  लोकेन्द्र चैहान तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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