इंडियन मुजाहिदीन के तीन संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद अब ' राजू भाई ' की तलाश की जा रही है। इस मॉड्यूल को दिल्ली में पनाह देने की जिम्मेदार उसी की थी। माना जा रहा है कि वह आईएम की नॉर्दर्न विंग की स्लीपर सेल का मेंबर हैअसद खान , सैयद फिरोज और इमरान खान ने पुलिस को दिल्ली में उनके केयरटेकर राजू भाई के बारे में जानकारी दी। इंडियन मुजाहिदीन के सरगनाओं ने इन लोगों को पाकिस्तान से इंटरनेट पर भेेजे गए संदेश में बताया था कि दिल्ली में बम धमाकों की तैयारी में उन्हें राजू भाई मदद करेगा। इन्हें बताया गया था कि राजू भाई ही दिल्ली में उनके रहने के ठिकाने का इंतजाम करेगा। 26 सितंबर को रुड़की से असद खान और इमरान खान नेहरू प्लेस आए। पहले से तय प्लान के मुताबिक वहां इन्हें राजू भाई मिला। वह इन्हें पुल प्रहलादपुर ले गया , जहां उसने इनके लिए किराए पर घर ले रखा था। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया , लेकिन राजू भाई हाथ नहीं लगा। उसके असली नाम और ठिकाने के बारे में गिरफ्तार आतंकवादियों को कोई खबर नहीं है। वह सिर्फ इतना बता सके हैं कि राजू भाई हिंदी और उर्दू उत्तर - भारतीय स्टाइल में बोलता है। उसे दिल्ली के भूगोल की खबर है और यहां उसके खासे कॉन्टैक्ट भी हैं। राजू भाई की उम्र करीब 40 साल है। पुलिस मान रही है कि राजू भाई इंडियन मुजाहिदीन की स्लीपर सेल में शामिल है। उसके बारे में पूरी जानकारी भटकल बंधुओं को है। राजू भाई उनके सीधे संपर्क में था , जिस कारण माना रहा है कि इस दहशतगर्द तंजीम में उसका ऊंचा ओहदा है। असद , फिरोज और इमरान ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस राजू भाई के अलावा दो और संदिग्धों के नाम बताए हैं। वह राजू भाई के पास पुल प्रहलादपुर में आए थे। उनके नामों की जानकारी नहीं है। इन तीनों मुलजिमों के बयानों पर उनके स्केच बनवाए गए हैं। असद खान , सैयद फिरोज और इमरान खान को इस साल जनवरी में रियाज भटकल और इकबाल भटकल के संगठन इंडियन मुजाहिदीन में शामिल करवाने वाले लश्कर ए तैबा के आतंकवादी फैयाज अहमद कागजी इन दिनों सऊदी अरब में छिपा है। 26/11 के मुंबई हमले में गिरफ्तार सैयद जबीउद्दीन उर्फ जबी अंसारी ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान में मुंबई हमले की प्लानिंग के दौरान लश्कर का एक कमांडर फैयाज कागजी हिंदुस्तान का नागरिक था। बीएससी के फाइनल ईयर में जबीउद्दीन फैयाज के संपर्क में आया था। दोनों महाराष्ट्र के बीड़ जिले के रहने वाले हैं। फैयाज उसका सीनियर था। फैयाज के पिता रियाज मिलिया कॉलेज में टीचर थे। साल 2004 में फैयाज कागजी ने औरंगाबाद में बीएड में दाखिला लिया था। वहां उसकी दोस्ती आमिर से थी , जो लश्कर ए तैबा के आतंकवादी असलम कश्मीरी का दोस्त था। जबी और आमिर की मुलाकात फैयाज कागजी ने कराई थी। इन्होंने जबी को असलम कश्मीरी से मिलवाया था। असलम ने इन तीनों को कश्मीर आने के लिए कहा और इन्हें पाकिस्तानी आतंकवादी रिहान उर्फ जुनैद का ईमेल आईडी दिया था। जुनैद ने इन्हें काठमांडू बुलाया। नवंबर 2005 में तीनों काठमांडू गए। वहां जुनैद ने फैयाज को बम बनाना सिखाया। जबी को विस्फोटकों और हथियारों की सप्लाई की जिम्मेदारी दी गई थी। फरवरी 2006 में काठमांडू से वापस आने के बाद इन्होंने फैयाज के घर पर बम बनाया और उसे अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन में प्लांट कर दिया था। वह बम अहमदाबाद जाकर फटा था। वह इनके ग्रुप की पहली आतंकवादी वारदात थी।
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