सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने आज यहां अंतरचक्षु कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नेत्रहीन व्यक्तियों के दैनिक जीवन की कठिनाइयों को पूरी तरह पहचानने का अवसर प्रदान करेगा। यह कार्यक्रम उन्हें शिक्षा, वित्तीय पहुंच और रोजगार के समान अवसर प्रदान करेगा। वासनिक ने कहा कि सरकार ऐसे अनेक कदम उठा रही है जिनसे विकलांग व्यक्तियों को भी सभी अन्य लोगों के साथ समान अवसर और समान अधिकार मिल सकें। पिछले वर्ष अगस्त में हमने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केन्द्र (आईएसएलआरटीसी) का उद्घाटन किया था। हम अपने राष्ट्रीय संस्थानों को उत्कृष्टता के केन्द्र बनाने जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं खासतौर से छात्रों से अपील की कि वे अपना सक्रिय योगदान दें ताकि समाज को अधिक संवेदनशील बनाया जा सके और एक संयुक्त समाज के निर्माण में मदद मिले। उद्घाटन के बाद श्री वासनिक ने अंतरचक्षु के क्रियाकलाप जोन में आंखों में पट्टी बांधकर भाग लिया। उन्होंने उबड़-खाबड़ रास्ते की चुनौतियों का अनुभव लिया और भारत के शहरों को टैक्टीकल नक्शे पर ढूंढा, स्क्रीन पढ़ने वाले साफ्टवेयर के साथ टाइप किया और सुगम्य फुटबॉल के साथ पैनल्टी शूटआउट का मजा लिया। तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन जेवियर रिसोर्स सेंटर फॅार द विजुअली चैलेंज्ड, मुंबई, नई दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के समान अवसर कार्यालय, राष्ट्रीय नेत्रहीन संस्थान, देहरादून, सक्षम ट्रस्ट, नई दिल्ली और साइटसेवर्स ने किया है। इस अवसर पर विकलांगता मामलों के विभाग में सचिव स्तुति कक्कड़, संयुक्त सचिव श्री पंकज जोशी और अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे। |