अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर हेल्प एज इंडिया की ओर से आज यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अब से कुछ महीने बाद वे 77 वर्ष के होने वाले हैं और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपना 80वां जन्म दिन हाल में मनाया है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर ने कुछ दिन पहले अपना 83वां जन्मदिन मनाया और न्यायमूर्ति वी आर कृष्णा अय्यर 97 वर्ष की उम्र में स्वस्थ रहने के साथ-साथ बौद्धिक रूप से सशक्त बने हुए हैं और हमारे राष्ट्र के कल्याण और इसकी प्रगति के बारे में गहरा सरोकार रखते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे लोग हैं। मुखर्जी ने कहा कि इस दर्शक दीर्घा में बैठे अथवा इसके बाहर बड़ी संख्या में ऐसे बुजर्ग हैं जो हमारे देश और हमारे समाज के प्रति अत्यंत बहुमूल्य योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें सलाम करता हूं जो बुजर्ग सकारात्मक और सार्थक जीवन व्यतीत करते हैं और उनमें से एक होने के लिए मैं गौरवान्वित महसूस करता हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ अधिक उम्र किसी भी रूप में एक असमर्थता नहीं है और यदि आप स्वस्थ हैं तो उम्र महज एक संख्या भर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच कायम करना और उसका व्यय उठाना हमारे सामने वास्तविक चुनौती है। बुजर्ग लोगों को विशेष देखभाल की जरूरत है जो केवल ईद-गिर्द अस्पतालों से ही मिल सकती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ चिकित्सा पर व्यय भी बढ़ता जाता है, जबकि आय घटती जाती है अथवा महंगाई में वृद्धि के बावजूद स्थिर रहती है। निजी अस्पताल बुजर्ग लोगों को रियायत देना नहीं चाहते और बीमा कंपनियां बुजर्गों को सुरक्षा प्रदान करने के प्रति इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने हेल्प एज इंडिया जैसे गैर-सरकारी संगठनों को धन्यवाद दिया जो अपने सचल चिकित्सा वाहनों के जरिये प्रत्येक वर्ष दस लाख से भी अधिक बुजर्ग लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराता है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन वर्ष-1999 में वृद्धजनों पर आधारित एक राष्ट्रीय नीति लागू की थी। यह एक ऐसा विस्तृत दस्तावेज है, जो इस दिशा में कार्य करने की रणनीतियों से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों को चिह्नित करता है। सरकार द्वारा इस नीति को शीघ्र लागू करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हेल्प एज इंडिया जैसे गैर-सरकारी संगठनों और वृद्धजनों के अन्य संगठनों को इस दिशा में भारत सरकार का आवश्यक समर्थन करना चाहिए। |