विश्व बैंक ने हिमाचल प्रदेश मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना को तीन वर्ष का विस्तार देकर इसके लिए 185 करोड़ रुपये ऋण की स्वीकृति प्रदेश सरकार को प्रेषित की है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यह जानकारी विश्व बैंक के को-टास्क लीडर श्री रंजन सांमतारे से इस सम्बन्ध में स्वीकृति सूचना मिलने के उपरांत दी। प्रेषित सूचना के अनुसार इस सम्बन्ध में निर्णय विश्व बैंक की वांशिगटन में 27 सितम्बर, 2012 को हुई बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने गत वर्षों में मध्य हिमालय जलागम विकास परियोजना के कार्यान्वयन में प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सत्त प्रयासों में विश्वास जताने के लिए विश्व बैंक का आभार व्यक्त किया। यह परियोजना बंजर क्षेत्रों में पारम्परिक जल स्त्रोतों को ‘रि-चार्ज’ करने तथा हरित आवरण बढ़ाने में विश्ेाष रूप से सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय लोग अपनी बंजर भूमि को पुनः कृषि योग्य बनाने में सफल रहे हैं तथा उन्हें उनके घर-द्वार के समीप रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। परियोजना के विस्तार एवं अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध होने से और अधिक ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना के अन्तर्गत अब 10 जिलों के 43 विकास खण्डों की 704 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। अतिरिक्त वित्तीय सहायता का उद्देश्य जल संग्रहण के माध्यम से सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना है ताकि कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के विविधिकरण के साथ-साथ जल एवं मृदा संरक्षण सुनिश्चित बनाया जा सके। प्रो. धूमल ने कहा कि अतिरिक्त वित्तीय सहायता परियोजना के प्रभाव और विकास की पहुंच को परियोजना क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के माध्यम से बढ़ायेगी। परियोजना क्षेत्र में जल उपचार गतिविधियां सुदृढ़ होंगी। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के क्षरण को रोकना तथा इनकी उत्पादन क्षमता में सुधार कर परियोजना क्षेत्र में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करना है। इस कार्य के लिए समुदाय सहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा। परियोजना की निर्धारित अवधि 31 मार्च, 2013 तक थी किन्तु इसे अब 31 मार्च 2016 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त विस्तार समय और वित्त के माध्यम से 704 ग्राम पंचायतों के अधिक क्षेत्र और व्यक्तियों को लाभान्वित करने में सहायता मिलेगी। |