वित्त विधेयक 2012 के प्रावधानों तथा इसके बाद वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अनुपालन के अनुसार रेल यात्रा में 30 सितम्बर, 2012 तक सेवा कर में दी गई छूट को अब (i) एसी प्रथम श्रेणी (ii) एक्जक्यूटिव श्रेणी (iii) एसी-टू टायर श्रेणी (iv) एसी-3 टायर श्रेणी (v) एसी चेयर कार ( कुर्सी यान) श्रेणी (vi) एसी इकोनॉमी श्रेणी (vii) प्रथम श्रेणी। श्रेणियों में एक अक्त्ूबर, 2012 से लगा दिया जाएगा। चूंकि वित्त मंत्रालय द्वारा यात्री सेवा में 70 प्रतिशत की कमी को मंजूरी दी गई है, इसलिए सेवा कर कुल किराये का 30 प्रतिशत लगाया जाएगा, जिसमें आरक्षण शुल्क, विकास शुल्क, सुपर फास्ट अधिशुल्क शामिल हैं, किराये के 30 प्रतिशत पर 12 प्रतिशत सेवा कर लगाया जाएगा (कुल किराये के 3.6 प्रतिशत के बराबर) , सेवा कर में दो प्रतिशत का शिक्षा उपकर जोडा जाएगा (कुल किराये के 0.072 प्रतिशत के बराबर) ,सेवा कर में एक प्रतिशत का उच्च अध्ययन उपकर भी जोड़ा जाएगा (कुल किराये का 0.036 प्रतिशत के बराबर) ,कुल सेवा कर प्रभाव उपर्युक्त (1) + (2) + (3) = कुल किराये का 3.708 प्रतिशत होगा रियायती दरों वाली टिकटों/पीटीओ (विशेषाधिकार) टिकटों इत्यादि पर यात्रियों द्वारा वास्तविक भाड़े के भुगतान का 30 प्रतिशत लगाया जाएगा। सेवा कर इसे अमल में लाए जाने की तारीख या उसके बाद यात्रा के पहले अग्रिम रूप से जारी की गई टिकटों पर भी लगाया जाएगा। बिना सेवा कर के पहले जारी की गई टिकटों की स्थिति में विकास शुल्क, सुपर फास्ट अधिशुल्क, आरक्षण शुल्क इत्यादि सहित कुल किराये पर सेवा कर रेल टिकट निरीक्षक-टीटीई द्वारा रेलगाड़ी में या यात्रा आरंभ होने से पहले बुकिंग कार्यालयों द्वारा यात्रियों से वसूले जाएंगे। वाणिज्यिक निरीक्षकों और ट्रेवलिंग लेखा निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर जाकर यह सुनिश्चित करें कि संशोधित दरों के अनुसार टिकटों पर सेवा कर लगाया जाए। वाणिज्यिक अधिकारियों से भी स्टेशनों पर औचक निरीक्षण करने तथा सेवा कर लगाए जाने की तिथि से इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। यात्रियों से जुटाए जाने वाले सेवा कर को प्रक्रिया के अनुसार वित्त मंत्रालय में जमा कराया जाएगा। रेल मंडलों के वित्त विभागों को समुचित लेखा के जरिए सेवा कर को सरकार तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं। यात्री किराया लौटाए जाने के मामले में, ऐसी स्थिति में, यात्री को इसकी वापसी का दावा संबंधित सेवा कर प्राधिकरण से करना पड़ेगा। रेल विभाग इससे संबंधित धन वापसी नहीं करेगा। धन वापसी से संबंधित दावे के लिए संबद्ध रेल मंडल के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक कार्यालय द्वारा यात्री को एक प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, जिसमें धन वापसी का विवरण होगा। इस पर मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधन द्वारा अधिकृत किये गये संबंद्ध अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे तथा उस पर उप मुख्य लेखा अधिकारी (डीसीएओ) या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी के प्रतिहस्ताक्षर होंगे। |