राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रत्येक भारतवासी से मोतीलाल नेहरू के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने यह स्वर्गीय मोतीलाल नेहरू के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान कहा। स्वर्गीय मोतीलाल नेहरू को याद करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें ''संवैधानिक आंदोलनकारी'' के रूप में वर्णित किया, जो यह मानते थे कि सुधार और परिवर्तन संवैधानिक साधनों के माध्यम से होने चाहिए। मोतीलाल नेहरू ने अपने अनुयायियों को वफादारी और उत्साह के लिए प्रेरित किया जिसे राजनैतिक विरोधियों ने भी सराहा। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें मोतीलाल नेहरू के पद चिन्हों पर चलना चाहिए और व्यवस्था को सम्मान और मजबूती प्रदान करनी चाहिए। हम व्यवस्था को नष्ट करने के बजाय मजबूत करके ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा इस अवसर पर यूपीए की सभापति सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी, वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम, मानव संसाधन और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी विकास मंत्री कपिल सिब्बल, आवास और शहरी गरीबी उपशमन और संस्कृति मंत्री कुमारी शैलजा, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष डॉ. करण सिंह और संस्कृति मंत्रालय की सचिव संगीता गाइरोला भी मौजूद थी। |