जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र के सुदूरवर्ती गावों, बड़गाम जिले और असम के कोकराझार एवं चिरांग जिलों के बच्चों ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सद्भावना के तहत ये बच्चे इन दिनों दिल्ली की यात्रा पर हैं। इस कार्यक्रम के तहत अशांत क्षेत्रों के युवाओं को देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाकर शेष भारत दिखाया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन क्षेत्रों की युवा पीढ़ी में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने भारतीय सेना को जम्मू-कश्मीर और असम की युवा पीढ़ी को शेष भारत दिखाने की उसकी अभिनव पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि इन क्षेत्रों के लोग खुद को शेष भारत से जुड़ा हुआ महसूस करें। भारत की विविधता और 5000 साल पुरानी सभ्यता का उदाहरण देते हुए उन्होंने छात्रों से कहा कि वे देश में जहां भी जाएंगे उन्हें प्राचीन इतिहास और सभ्यता के साथ-साथ उभरते हुए भारत का अस्तित्व देखने को मिलेगा। राष्ट्रपति ने इस तथ्य की व्याख्या करते हुए कहा कि विविधता होने के बावजूद शांति और सौहार्द हमारी सभ्यता का मूल है। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने साथ शांति, सौहार्द और मित्रता का संदेश अपने गृहनगरों तक ले जाएं और इसे देश भर में फैलाएं। |