पंजाब व हरियाण उच्च न्यायालय के 2010 के सीडब्ल्यूपी संख्या 1332 व्यक्ति विकास केन्द्र बनाम भारत सरकार व अन् मामले में दफ्तरों में उपयोग किए जाने वाले करेक्शन फ्लूड और थिनर लिक्विड सहित इन्हीं के समान अन्य रसायन तत्वों के उत्पादन व व्यापार के नियमन के लिए दिए गए निर्देश के आधार पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस संबंध में भारतीय राजपत्र असाधारण के भाग 1, अनुच्छेद 1, संख्या 163 में 17 जुलाई, 2012 को एक अधिसूचना प्रकाशित की गई है। ऐसी खबरें आ रही थीं कि बच्चे, खासतौर पर सडकों पर रहने वाले बच्चे इन रसायन तत्वों का इस्तेमाल सूंघकर नशे के लिए ड्रग्स के तौर पर कर रहे हैं। सभी राज् सरकारों एवं संघशासित प्रदेश तथा विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से अनुरोध किया गया है कि ऐसे रसायनों की बिक्री करने वालों और इसका उत्पादन करने वाले उद्योगों को संवेदनशील बनाकर अधिसूचना में प्रकाशित मापदण्डों का पालन कराने के लिए तत्काल प्रभाव से आवश्यक कदम उठाएं। प्रकाशित अधिसूचना में क्रियान्वित कराए जाने वाले कुछ मुख्य मापदण्ड इस प्रकार हैं:- स्याही मिटाने तथा नेल पॉलिश हटाने सहित अन्य उद्देश्यों के लिए किसी भी रसायन तत्व के संघटन वाले करेक्शन फ्लूड एवं थिनर की फुटकर बिक्री हेतु होने वाले उत्पादन को प्रतिबंधित करना। स्याही मिटाने तथा नेल पॉलिश हटाने सहित अन्य उद्देश्यों के लिए किसी भी रसायन तत्व के संघटन वाले करेक्शन फ्लूड एवं थिनर की फुटकर बिक्री को प्रतिबंधित करना। स्याही मिटाने तथा नेल पॉलिश हटाने सहित अन्य उद्देश्यों के लिए किसी भी रसायन तत्व के संघटन वाले करेक्शन फ्लूड एवं थिनर की पेन या समान उपकरण के रूप में फुटकर बिक्री को स्वीकृति देना, जिससे इस्तेमाल के समय कम से कम रसायन निकल सके। स्याही मिटाने वाली/थिनर वाली ऐसी रसायन युक्त पेनों एवं इसी प्रकार के अन्य उपकरणों पर इसके भीतर मौजूद रसायन तत्व के सूंघने अथवा उपयोग करने से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव से संबंधित आवश्यक चेतावनी का प्रकाशन निश्चित तौर पर किया जाना चाहिए। |