राष्ट्रीय (15/09/2012) 
राष्ट्रपति ने राजभाषा पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई है कि आगामी बाईस से चौबीस सितंबर के बीच दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग शहर में होने जा रहे नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन से हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने में सहाता मिलेगी। श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत  में  अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। आज नई दिल्ली में हिंदी दिवस के अवसर पर गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विविधता के बीच एकता ही हमारे देश की विशेषता है और हिंदी देश की सामाजिक और सांस्कृतिक एकता की प्रतीक है। उन्होंने गुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर का कथन  'भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिंदी महानदी ' को उद्धृत किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र शक्तिशाली और प्रगतिशील बना रहे, तो हमें संघ सरकार के कामकाज में राजभाषा हिंदी तथा राज्यों के कामकाज में उनकी प्रांतीय भाषाओं का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा क हिंदी आज एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में उभर कर आई है। इस समय विश्व के लगभग एक सौ पचास विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ी और पढ़ाई जा रही है। यूनेस्žको की सात भाषाओं में हिंदी को भी मान्यता मिली है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई टेलीविजन चैनलों ने हिंदी के साथ-साथ दूसरी भारतीय भाषाओं में भी अपने कार्यक्रम प्रसारित करने शुरू कर दिए हैं।   

 

       इस अवसर पर राष्ट्रपति ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग में सर्वश्रेष्ठ प्रगति हासिल करने वाले मंत्रालयों/विभागों एवं कार्यालयों को तथा हिंदी में उच्च कोटि के मौलिक पुस्तक लेखन हेतु पुरस्कार प्रदान किए।

            इससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्री  सुशीलकुमार शिंदे ने अपने स्žवागत अध्क्षीय भाषण में पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि हिंदी एक सहज औ सरल भाषा है। अपनी सरलता और सहजता के कारण हिंदी आज समस्त भारत में और भारत के बाहर भी लोकप्रिय भाषा है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के बदलते परिवेश में हिंदी भाषा अपना स्थान धीरे-धीरे प्राप्त कर रही है। राजभाषा विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से हिंदी के कई साफ्टवेयर विकसित किए हैं। शिंदे ने कहा कि विभाग का यह प्रयास सराहनीय है। कंप्यूटर पर यूनिकोड एनकोडिंग सुविधा की उपलब्धता से कंप्यूटर पर हिंदी में काम करना अत्यंत सरल एवं सहज हो गया है। इससे सॉफ्टवेयरों के इस्तेमाल से सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग बढ़ेगा।

      गृह राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, सचिव (राजभाषा)  शरद गुप्ता और सचिव (सीमा प्रबंधन) ए.के. मंगोत्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Copyright @ 2019.