नागर विमानन मंत्री अजीत सिंह ने आज इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आयोजित एक कार्यक्रम में एयरइंडिया के लिए पहले बी-787 ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट का शुभारंभ किया। बोइंग 787 के कुल 27 विमान 2012 से मार्च 2016 के बीच एयर इंडिया को उपलब्ध कराए जाएंगे। इन विमानों में से पहला विमान 8 सितंबर, 2012 को नई दिल्ली पहुंचा। इस मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अजीत सिंह ने एयर इंडिया और नागर विमानन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया ने दिसंबर 2005 में 68 हवाई जहाजों (23–बी777, 18-बी737, 27-बी787) को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत 27 बी-787 विमानों को सितंबर 2008 से अक्तूबर 2011 के बीच उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन अब इन्हें 2012 से मार्च 2016 तक उपलब्ध कराया जाएगा। पहला बी-787 दिल्ली पहुंच चुका है। एयर इंडिया वर्तमान वर्ष में दिसंबर 2012 तक पांच और बी-787 विमान प्राप्त करेगी। अजीत सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 में ही शीतकाल से यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के लिए भी बी-787 की उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वायुयान एयर इंडिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगा। बी-787 विमान की तीन विशिष्ट विशेषताएं हैं -1. ईंधन कुशलता – (एयर बस 330) जैसे समान श्रेणी के विमान में ईंधन खपत को कम करते हुए 15 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। (यदि बी-770 की बात की जाती है, तो इसमें ईंधन खपत 30 प्रतिशत तक कम होगी) 2. यात्री सुविधा - यात्री सुविधाओं के मामले में इस विमान में यात्रियों के लिए अधिक आराम, बड़ी सीटें, विमान के अंदर ही मनोरंजन के साधन, शौचालय, बड़ी खिड़कियों के अलावा सबसे महत्वपूर्ण विशेषता के तौर पर केबिन दबाव नियंत्रण है, जो 6000 फीट के न्यूनतम स्तर से बी-787 में 8000 फीट तक केबिन दबाव को नियंत्रण में रखता है। यह एक गैसीय वायु शुद्धिकरण प्रणाली से भी सुसज्जित है। वायुयान में मौजूद ये दोनों विशेष सुविधाएं यात्रियों को लम्बी दूरी की उड़ानों के दौरान कम थकान और अधिक ताजगी का एहसास कराएंगी। 3. कार्बन उत्सर्जन में कमी से यह विमान पर्यावरण में भी कम प्रदूषण करेगा। |