राष्ट्रीय (11/09/2012)
कन्फ्यूज्ड और नॉन सीरियस हैं राहुल गांधी: द इकॉनमिस्ट
नई दिल्ली।। अमेरिकी अखबार 'वॉशिंगटन पोस्ट' के प्रधानमंत्री पर आए विवादित लेख के बाद अब लंदन से छपने वाली पत्रिका पर 'द इकॉनमिस्ट' ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। द इकॉनमिस्ट में छपे एक लेख में राहुल गांधी की शख्सियत पर सवाल उठाते हुए उन्हें कन्फ्यूज्ड और नॉन सीरियस बताया गया है। 'द राहुल प्रॉब्लम' टाइटल से पब्लिश किए गए इस आर्टिकल में इकॉनमिस्ट ने सवाल उठाया है कि राहुल गांधी का पॉइंट क्या है? आर्टिकल में लिखा गया है, 'राहुल गांधी क्या करने की काबिलियत रखते हैं, यह बात कोई नहीं जानता। यहां तक कि राहुल को खुद नहीं मालूम कि अगर उन्हें पावर और जिम्मेदारियां मिल जाएं, तो वह क्या करेंगे।' द इकॉनमिस्ट के मुताबिक, 'कांग्रेस में हर कोई राहुल गांधी को प्रमोट करने में लगा हुआ है। उन्हें अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का उत्तराधिकारी माना जाता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वह 2014 का चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले ही वह अपनी योग्यता की झलक दिखाएं। मगर आलम यह है कि राहुल ने पद और जिम्मेदारियां लेने से इनकार कर दिया है और वह पार्टी के यूथ विंग से ही जुड़े रहना चाहते हैं। राज्यों में हुए चुनावों में भी राहुल ने प्रचार का जिम्मा संभाला, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं रहा। समस्या यह है कि न तो राहुल में अभी तक लीडरशिप क्वॉलिटी दिखी है, और न ही उनमें अपने काम को लेकर दीवानगी देखने को मिली है। आर्टिकल में लिखा गया है, 'अन्ना हजारे के अनशन के दौरान जब सोनिया गांधी इलाज के लिए विदेश में थीं, तब राहुल के पास खुद को साबित करने का मौका था। लेकिन वह खामोश होकर कहीं छिपे रहे। संसद में वह इस मुद्दे पर बोले, लेकिन इसमें भी वह गलत सलाह देते नजर आए।' |
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