चेन्नई 05 जून। आईपीएल नीलामी में पवार की भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि आईपीएल में नाकाम बोली लगाने वाले सिटी कारपोरेशन में केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और उनके परिवार की हिस्सेदारी है। लेकिन शरद पवार इस मामले को सीधे तौर पर खारिज कर रहे है कि उनका एवं उनके परिवार को इससे कोई वास्ता नहीं है। बीजेपी और माकपा के नेताओं ने आईपीएल नीलामी में शरद पवार की भूमिका की जांच कराने की मांग की है। बीजेपी का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जिससे सच्चाई का पता चल सके। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि शरद पवार ने व्यावसायिक हित के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया है। इसलिए पवार को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने आज यह भी कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शरद पवार से इस्तीफा मांगना चाहिए। जबकि माकपा ने कहा है इस पूरे मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराना चाहिए। जिससे हो सके इसमें और भी नये तथ्य उजागर हों। माकपा का मानना है कि आईपीएल मामले को दबाने के लिए लीपापोती की जा रही है। माकपा ने कहा है कि आईपीएल की मामले में अब तक यूपीए सरकार के तीन नेताओं के नाम उजागर हो चुके हैं। यूपीए सरकार ने शशि थरूर को मंत्रिमंडल से बाहर कर मामले को शांत कर दिया है। जबकि इस मामले में केन्द्रीय विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार के भी नाम उजागर हुए है। लेकिन राजनीतिक मजबूरियों के कारण पवार और प्रफुल्ल पटेल पर कार्रवाई करने से सरकार बचना चाह रही है। लेकिन यह मामला इतना तूल पकड़ लिया है कि इसकी जांच अब जरूरी है। यूपीए सरकार को आईपीएल नीलामी एवं वित्तीय अनियमितता की जांच जेपीसी से कराने की जरूरत है। जिससे पूरी जनता को पता चल सके कि इस खेल के पीछे कौन सा खेल खेला जा रहा है। |