राष्ट्रीय (02/06/2010)
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई की सभा पर हमला
काबुल 02 जून। अफगान में शांति की स्थापना के लिए राष्ट्रपति हामिद करजई की अध्यक्षता वाली एक सभा आज हमलों और बम धमाकों से दहल उठा। इस सभा में करीब 1500 लोग शरीक हुए थे। तीन दिनों तक चलने वाली इस सभा के शुरू होने के कुछ समय बाद ही आस-पास का माहौल बम धमाकों से दहल उठा। इस शांति सभा का मुख्य उद्देश्य था कि इस देश को आंतक से मुक्त कर एक एक शांतप्रिय राष्ट्र कैसे बनाया जाये। आतंकवाद के खात्मे के नाम पर पिछले नौ साल से जारी युद्द से कैसे निपटा जाये। इसके अलावा देश में सामाजिक सौहार्द को कैसे बढ़ाया जाये। मतलब कि अफगानिस्तान को विकास के मुख्यधारा से कैसे जोड़ा जाये। पूरी दुनिया की नजर में अफगानिस्तान-पाकिस्तान आतंकवादियों का मुख्य अड्डा है। आतंकवादी नेटवर्क यहीं से संचालित होते हैं। उन आतंकवादियों से कैसे निपटा जाये। शांति जिरगा के नाम से तीन दिवसीय इस सभा में करीब 1500 जोग शरीक हुए थे। जिनमें भारत के एक राजदूत भी शामिल थे। इस हमलें में किसी का कुछ नुकसान नहीं हुआ बल्कि सुरक्षा बलांे ने मोर्चा संभालते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। इस हमले की अब तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। इस जिरगा शांति का आयोजन राष्ट्रपति हामिद करजई ने देश में शांति की स्थापना के लिए किया है। लेकिन आतंकवादियों ने इस सभा पर हमला कर अफगानिस्तान सरकार को यह जता दिया कि वे शांति नहीं चाहते हैं। आतंकवादी संगठनों ने कई बार सरकार को यह संकेत दे भी दिया है कि जब तक अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना नहीं जाएगी तब तक अफगानिस्तान में हिंसा होती रहेगी। |
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