वाशिंगटन 29 मई। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकतरफा भूमिका निभा रहा है। पाकिस्तान यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आतंकवाद की लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि पाकिस्तान खुलकर किसी विकल्प पर नहीं पहुच पाता है। पाक अफगान सीमा पर चल रहे आतंकी कैंप को समाप्त करने में पाकिस्तान की सक्रियता उस रूप में नहीं देखी जा सकती है जिसके आधार पर उम्मीद की जा सके कि आतंकवाद को पाकिस्तान अपनी जमीन पर पनपने नहीं देगा। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान को भरोसा में रखकर यह उम्मीद कर रहा है कि वह आतंकवाद से निपटने में सख्ती बरतेगा। लेकिन कभी यह लगता है कि आतंकवादी ठिकाने वाले इलाकों में अमेरिका को ही सैन्य कार्रवाई करना पड़ेगा। आगे कहा गया है कि अमेरिका सैन्य कार्रवाई पर लम्बे समय से विचार कर रहा है। विशेषतौर से ड्रोन हमले और हवाई हमले पर काफी पहले से विचार किया जा रह है। अधिकारियों ने कहा है कि वर्ष 2008 में एक हेलीकाप्टर द्वारा अमेरिकी सेना ने जब आतंकी ठिकाने पर हमले किये तो पाकिस्तान ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान में हमला नहीं करे वह अपनी जमीन पर आतंकवाद को मिटा कर रहेगा। पाकिस्तान की बातों को तरजीह देते हुए अमेरिका ने पाकिस्तान में हवाई हमले बंद किये लेकिन आतंकवादी ठिकाने आज भी यथावत है। अमेरिका ने अब पाकिस्तान सरकार से जबाव मांगा है कि आतंकवाद खत्म करने के पाकिस्तानी अभियान सफल क्यों नहीं हो पा रहे हैं। अगर पाकिस्तान इसमे अक्षम है तो अमेरिका पाक-अफगान इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए तैयार है। |