राष्ट्रीय (11/05/2010) 
राहुल गांधी ने माकपा पर लगाया हिंसा की राजनीति करने का आरोप
कासरगोड 11 मई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने माकपा पर ‘हिंसा की राजनीति’ करने का आरोप लगाया और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राज्य में स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनाव से पहले किसी तरह के उकसावे में नहीं आने को कहा। उन्होंने कहा है कि माकपा को अपनी हिंसा की राजनीति खत्म करनी चाहिए और युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऐसे समय में जब विधानसभा और निकाय चुनाव अधिक दूर नहीं हैं उस पार्टी के भड़काने के प्रयासों में नहीं आना चाहिए।  राज्य के चार उत्तरी जिलों के युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि माकपा उन्हें उत्तेजित करने का प्रयास करेगी और हिंसा करेगी लेकिन युवा कांग्रेस को उनके जाल में नहीं फंसना चाहिए। गांधी ने कहा कि माकपा ‘पुरानी किताबों के पन्नों’ से चीजों को थोपने की कोशिश कर रही है। उनका संकेत माकपा की विचारधारा की ओर था जो उनके अनुसार बदलते समय के साथ मेल नहीं खा रही। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस में गुटबाजी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुटबाजी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दो अलग-अलग बाते हैं। कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाना कम्युनिस्टों की नीति है न कि कांग्रेस जैसी लोकतांत्रिक पार्टी की। राहुल गांधी ने हालांकि कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सांगठनिक स्थायित्व की कीमत पर नहीं होनी चाहिए और यह समस्याओं को सुलझाने में मददगार होनी चाहिए।
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