राष्ट्रीय (06/05/2010) 
मुंबई में आतंकी हमलों के दोषी कसाब को सजा-ए-मौत

मुंबई 06 मई। 26 नवम्बर 2008 को देश के सबसे बड़े आतंकवादी हमले में शामिल आरोपियों के खिलाफ अदालत ने आज फैसला सुना दिया।  मुंबई में हुए आतंकी हमले के जांच में 17 महीने अदालती कार्रवाई के बाद मंुबई हमलों में पकड़े गए एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को आज अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई । कसाब पर 83 धाराओं के तहत मुंबई हमलों में दोषी ठहराते हुए विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। उसे चार आरोपों में फांसी की सजा और पांच में उम्रकैद की सजा सुनाई गई इसके अलावा कुछ आरोपों में उस पर जुर्माना भी लगाया गया है। जिन आरोपों में फांसी की सजा सुनाई गई है उनमें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना, निर्दोष लोगों की हत्या, आपराधिक साजिश रचने तथा अवैध गतिविधियां निवारण अधिनियम शामिल हैं। पाकिस्तान से सक्रिय लश्कर-ए-तय्यबा की अ¨र से प्रशिक्षण पाए कसाब और उसके 9 साथियों ने मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। न्यायधीश एमएल टहलियानी ने इस फैसले को हिन्दी में पढ़कर सुनाया। फांसी की सजा सुनने के बाद कसाब रो पड़ा लेकिन इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। न्यायधीश ने जब उससे कुछ राय जाननी चाही तो कसाब ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के फरीदकोट का निवासी अजमल आमिर कसाब लश्कर के सहयोग से मुंबई में आंतकी हमला का अंजाम दिया था। मुंबई पर 26/11 पर हुए हमले के बाद इसकी जांच और कार्रवाई के लिए विशेष अदालत गठित की गई थी। आतंकवाद के खिलाफ अब तक का यह सबसे त्वरित फैसला कहा जा रहा है। न्यायधीश टहलियानी ने बचाव पक्ष के सभी दलीलों को ठुकराते हुए कहा है कि कसाब ने निर्दोष लोगों की हत्या की है। इसके प्रति रियायत की कोई गुंजाइश नहीं है। एक योजनावद्ध तरीके से मुंबई में आतंकी हमले का अंजाम दिया है और इसका इसे जरा भी पश्चाताप भी नहीं है। कसाब सर्वोच्च न्यायालय में इस फैसले की चुनौती देने एवं अपनी सजा माफ या कम कराने की अर्जी दाखिल कर सकता है। मुंबई में आज सुरक्षा चाक चैबद है। जेल के बाहर और अंदर पुलिस ने चैकसी बढ़ा दी है। आज सुरक्षा के मद्दनेजर अत्याधिक जवानों को तेनात किया गया है। 

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