राष्ट्रीय (05/05/2010) 
सपा ने दी कार्यकर्ताओ को अंग्रेजी में शादी कार्ड नहीं छपाने की नसीहत
कानपुर 05 मई। उत्तर प्रदेश मे समाजवादी पार्टी फिर से अपनी जमीन तलाश रही है। अब समाजवादी पार्टी ने एक नया शिगुफा छोड़ा है। वह है अंग्रेजी हटाओ। इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकताओं से कहा है कि वह अंग्रेजी भाषा का उपयोग न करे। यहां तक की तक शादी या किसी अन्य मौके पर आमंत्रण पत्र भी अंग्रेजी में नहीं छपाने की नसीहत दी है। पार्टी ने कहा है कि अगर पाटी्र का कोई भी कार्यकर्ता अपने घर परिवार के शादी विवाह या अन्य किसी कार्यक्रम के कार्ड अंग्रेजी भाषा में नहीं छपवायेगा और अगर छपवायेगा तो उसके घर के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने कोई भी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं जायेगा। समाजवादी पार्टी के कानपुर जिला अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह ने आज बताया कि चूंकि इस वर्ष पार्टी डाॅ. राममनोहर लोहिया जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है इसलिए पार्टी कार्यकर्ता ‘अंग्रेजी हटाओ’ का नारा बुलंद कर रहे हैं और डाॅ. लोहिया के सपनों को साकार कर रहे हैं। हमारा मानना है कि अंग्रेजी पढ़ी जाये और उसके बारे में जो भी जानकारी हासिल करनी हो की जाए लेकिन उसे कामकाज की भाषा न बनाई जाए क्योंकि वह एक विदेशी भाषा है। समाजवादी पार्टी की कानपुर इकाई की एक बैठक में यह फैसला लिया गया है कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता अपने घर में होने वाली शादी या अन्य कार्यक्रमों में जो निमंत्रण पत्र छपवायें वह अंग्रेजी भाषा में कतई न हो। यह कार्ड हिन्दी या किसी अन्य भारतीय भाषा में होना चाहिए। सपा के जिला अध्यक्ष सिंह ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने यह फैसला लिया है कि अगर कोई पार्टी कार्यकर्ता शादी या अन्य किसी कार्यक्रम का कार्ड अंग्रेजी भाषा में छपवाता है और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करता है तो पार्टी के नेता या कार्यकर्ता ऐसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे और उसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही अपनी मातृभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने का काम करती रही है। हम अंग्रेजी को जानने और उसे पढ़ने का विरोध नहीं करते हंै बल्कि चाहते हैं कि जिस तरह चीन, जापान सहित अनेक देश अपनी मातृभाषा का प्रयोग कर दिन पर दिन तरक्की कर रहे हैं उसी तरह हम भारतीय भी अपनी मातृभाषा हिन्दी के साथ तरक्की करें न कि एक विदेशी भाषा का सहयोग लेकर। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के खिलाफ समाजवादी पार्टी का आंदोलन यूं ही आगे भी जारी रहेगा। देखना यह है कि इस सब मुद्दो को लेकर समाजवादी पार्टी इस बार जन आकांक्षाओं पर खरा उतरने में कितना सफल हो पाती है। राज्य के सतारूढ़ दल ने समाजवादी पार्टी के इस नसीहत को शिगुफा करार दिया है।
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