वाशिंगटन 29 अप्रैल। अफगानिस्तान में बढ़ते आतंकी गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान ने भारतीय सीमा से लगे करीब एक लाख सैनिकों को पाक-अफगानिस्तान सीमा के पास तैनात कर दिया है। पड़ोंसी देशों में बढ़ते आतंकवाद के खतरे को देखते हुए पाकिस्तान उस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा सेना तैनात करना चाहता जिससे अफगानिस्तान से भागकर कोई भी आतंकवादी पाकिस्तान में प्रवेश न कर पाये। पेंटागन से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के सामने अब आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है। पड़ोसी देशों में आतंकवाद के बढ़ते गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान अब आतंकवाद से वाकिफ हो चुका है। पकिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनोती है कि वह अपने देश मेें आतंकवाद पर काबू पाने में किस तरह के कदम उठाता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का मानना है कि पाकिस्तान का यह महत्वपूर्ण फैसला है और विश्वभर में एक अच्छा संदेश जायेगा। थिंपू में आयोजित सार्क सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी की औपचारिक मुलाकात हुई है। इस मुलाकात को दोनों देशो के बीच मैत्री संबंध बहाल होेने के लिए महत्वपूर्ण बताया है। गौरतलब है कि मुंबई में आतंकवादी हमले होने के बाद दोनो देशांे के बीच रिश्तों में खटास आ गई है। सामरिक रिश्तों को बहाल करना दोनों देश चाहता है लेकिन आतंकवाद से जुड़े कई मुद्दों को लेकर दोनों के बीच रिश्ते मधुर नहीं हो पाते हैं। पेंटागन रिपोर्ट की माने तो अफगानिस्तान के कबीलाई इलाकों में बढ़ते आतंकवादी गुटों से अफगानिस्तान सीमा से लगे देशों को काफी खतरा है। अफगानिस्तान में कई आतंकवादी गुट सक्रिय है। इन सभी आतंकवादी गुटों के नेटवर्क आपस में जुड़े हुए है और एक दूसरे को सहयोग भी कर रहे है।
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