राष्ट्रीय (28/04/2010)
मुश्किल में सोरेन सरकार, भाजपा ने समर्थन वापस लिया
नई दिल्ली 28 अप्रैल। मंगलवार को लोकसभा में कटौती प्रस्ताव के मसले पर झारखंड के मुख्यमंत्री शिबु सोरेन द्वारा यूपीए सरकार के समर्थन में मतदान करने पर भाजपा ने इसे गंभीरता से लेते हुए सोरेन सरकार से आज अपना समर्थन वापस ले लिया है। नई दिल्ली के पार्टी कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सोरेन के इस कदम को गठबंधन धर्म का उल्लंघन बताते हुए झारखंड में सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया। इस बैठक में अरूण जेटली, सुषमा स्वराज, यशवंत सिन्हा, लालकृष्ण आडवाणी, झांरखंड के उपमुख्यमंत्री रघुवर दास के अलावा अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। गडकरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आज ही रांची के राज्यपाल के समक्ष राज्य सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौपा जायेगा। गडकरी का कहना है कि कटौती प्रस्ताव के मसले पर यूपीए सरकार के पक्ष में सोरेन के मतदान किये जाने पर पार्टी स्तब्ध है। सोरेन का यह विश्वासघाती कदम करार देते हुए गडकरी ने कहा कि पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है और अंत में समर्थन वापसी पर फैसला किया गया। पाटी्र के वरिष्ठ नेता वैंकेया नायडू ने इस मसले पर कहा कि जिस तरह से सोरेने ने यूपीए के पक्ष में समर्थन किया है इसमें उनकी आगे की रणनीति छिपी है। उन्होंने आगे कहा कि सोरेन राज्य में भाजपा के समर्थन से सरकार चला रहे हैं और केन्द्र में भाजपा के खिलाफ वोट दे रहे है यह भाजपा के लिए असहनीय है। जबकि पार्टी के प्रमुख नेता अनंत कुमार ने कहा है कि पार्टी अपने मंत्रियो को इस्तीफा देने का निर्देश जारी कर दिया है। भाजपा के इस कदम से सोरेन सरकार मुसीबत में फंस गई है। अगर भाजपा के सारे मंत्री इस्तीफा दे देते है तो सोरेन सरकार के सामने सरकार बचाना मुश्किल हो जायेगा। |
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