विशेष (12/08/2024)
आजादी में ले हम सांस सभी
तिथि थी पन्द्रह माह अगस्त , ब्रिटिश शासन का सूर्य अस्त। जो सत्ता थी बल घमंड में मस्त , वह हुई छिन्न-भिन्न और पस्त । सूरज संग ले आया आजादी, जयकार उठे जीत गयी खादी। खुश हुई देश की पूरी आबादी, नाचे खुशी में नाती-पोता दादी। हवा बही धरा पर पुरवाई, गगन में घटा बसंती छाई। तरुवर पर आयी तरुणायी, घर घर में बजी विजय बधाई । लहराया तिरंगा आसमान में, गूंजा जन-गण-मन कान में। हुए प्रफुल्लित जुड़े तान में, जिनके आजादी थी जान में। आजादी में ले हम सांस सभी, भूलें न उनके ऋण को कभी। जो देख न पाए नव उदित रवि। आओ गाएं उनका गान सभी।। - हरी राम यादव बनघुसरा, अयोध्या 7087815074 |
Copyright @ 2019.