विशेष (08/08/2024)
क्या अपनी बिनेश हार गयी ?

जिसने पटका उठा उठा, विश्व विजेता के अरमानों को। धूल धूसरित किया अखाड़े में, विजयी विश्व के गानों को । जो जीती लाडो अपनी सदा, सोचो बिन लड़े कैसे हार गयी । एक दिन में तीन को पटका, फिर कैसे अखाड़े के पार गयी।। सोच समझ से परे हैं बातें, बातें तो उठ रहीं बड़ी बड़ी। देश प्रश्न कर रहा है गुस्से में , हारी बिनेश क्यों खड़ी खड़ी। लाडो तुम तनिक न चिंता करना, समय पुन: पास तुम्हारे आयेगा । अपने पौरुष पर रखना भरोसा, झंडा नील गगन में फहराएगा ।। - हरी राम यादव 7087815074 |
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