विशेष (29/07/2024) 
भाखा' में मिलिए गुजरात के प्रसिद्ध लोक गायक मूरालाला मारवाड़ा जी से
मूरालाला जी विश्व धरोहर स्थल धोलावीरा के करीब कच्छ के खादिर द्वीप पर स्थित अपने गांव जनान में रहते हैं। वह मेघवाल गायकों के वंश से हैं जो लगभग चार शताब्दी पहले राजस्थान से इस क्षेत्र में आए थे। न केवल उनके पास निर्गुणी भजनों, सूफ़ी कलाम और अन्य पारंपरिक लोक गीतों का समृद्ध भंडार है, मूरालाला जी एक पारंपरिक वाद्ययंत्र 'संतार' भी बजाते हैं। अपना अनूठा संगीत प्रस्तुत करने के लिए उन्हें देश-विदेश में आमंत्रित किया जाता रहा है।

कार्यक्रम तिथि: 2 अगस्त 2024
समय: 6:30 PM
स्थान: सी.डी. देशमुख ऑडिटोरियम, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी एस्टेट, दिल्ली - 110003

मूरालाला जी के गायन में कांजी राणा अलगोज़ा वाद्य पर उन्हें संगत देंगे, नाराण हाजा घड़ो घमेलो बजाएंगे और सुखदेव लाखा झांझ पर रहेंगे।

कार्यक्रम व्याख्यान-प्रदर्शन स्वरूप में होगा। मूरालाला जी और उनकी मंडली द्वारा प्रस्तुत गीतों के साथ-साथ आप देख और सुन सकेंगे गीत के बोल, और समझेंगे उनके साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व। कबीर, मीराबाई और रविदास के भजनों के माध्यम से हम हिंदी के विकास में भक्ति आंदोलन की भूमिका पर भी नज़र डालेंगे, साथ ही गुजराती और सिंधी जैसी भाषाओं के साथ हिंदी के संबंधों का भी पता लगाएंगे।

अपने गीतों में भाषा की विविधता को लेकर मूरालाला जी कहते हैं "हर प्रांत की अपनी अलग भाषा है। इसलिए हमारे संत-कवियों ने अपने गीतों को एक मिली-जुली भाषा में रचा है ताकि वह सबको समझ में आ जाए।"  

नई धारा भाखा के बारे में –
 
कबीर ने भाषा या भाखा की तुलना एक बहती हुई नदी से की। वह कहते हैं की जैसे-जैसे नदी आगे बढ़ती है, रूपांतरित हो जाती है। ठीक उसी प्रकार भाषा/भाखा भी निरंतर प्रवाहमान है।

नई धारा भाखा इस निरंतर विकसित हो रहे भाषा परिदृश्य का उत्सव है। यह कार्यक्रम एक सांस्कृतिक, कलात्मक और साहित्यिक खोज है जिसमें हिंदी को हम अन्य भाखाओं के साथ निरंतर आदान-प्रदान के माध्यम से विकसित होते और बढ़ते देखते हैं।

नई धारा के बारे में - 

‘नई धारा’, एक द्विमासिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका है, जिसका प्रकाशन अप्रैल, 1950 से निरंतर हो रहा है। 'नई धारा' अब एक डिजिटल स्वरुप में भी प्रस्तुत है। एक उत्तम व सरल ऑनलाइन प्लेटफार्म के रूप में 'नई धारा' वेबसाइट (nayidhara.in) साहित्य प्रेमियों को हिंदी की उत्कृष्ट रचनाओं और उनके लेखकों से जोड़ने का काम कर रही है। इसके अलावा 'नई धारा' यूट्यूब एवं सभी प्रमुख सोशल मीडिया मंचों पर भी उपलब्ध है और विभिन्न प्रकार की मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों द्वारा हिंदी साहित्य के सौंदर्य को लोगों तक पहुँच रही है। इसमें हमारी साक्षात्कार श्रृंखला 'नई धारा संवाद', हिन्दी रंगमंच से जुड़ी शृंखला ‘नई धारा एकल’, पॉडकास्ट प्लेटफॉर्म ‘नई धारा रेडियो’, आदि शामिल है।
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