विशेष (26/07/2024) 
एडवोकेट रेखा सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में सुलझाया पारिवारिक संपत्ति विवाद, लंबे समय से था लंबित।
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में विजय कुमार सरीन और इंदरपाल सिंह एवं अन्य के एक पारिवारिक मामले में एडवोकेट रेखा सिंह ने समझौता करा संपत्ति विवाद को सुलझाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एडवोकेट रेखा सिंह ने कहा कि यह केस काफी समय से लंबित था, जो सुप्रीम कोर्ट में समाप्त हो गया है। माननीय न्यायालय की ओर से इसमें  इंदरपाल सिंह और उनकी पोतियों के पक्ष में भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

रेखा सिंह ने बताया कि वह प्रतिवादी इंदरपाल सिंह की ओर से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में देख रही थीं। विजय कुमार सरीन की ओर से प्रॉपर्टी विवाद में याचिका दायर की गई थी। पिछली सुनवाई 8 मई 2024 में माननीय न्यायालय ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्ष आपस में निराधार और तुच्छ शिकायतें दाखिल कर न्यायालय का समय खराब कर रहे हैं। वास्तविक में इस विवाद में 10 और 13 वर्ष की दो निर्दोष लड़कियां पीड़िता हैं, जो याचिकाकर्ता की पोतियां हैं। एडवोंकेट रेखा सिंह ने बताया कि न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा था कि वह अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने से पहले याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र के तहत अपने विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने का एक उचित अवसर देना उचित समझते हैं। जिसके तहत ही 18 जुलाई को अगली सुनवाई तय की गई थीं। इस सुनवाई को यह केस समाप्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि समझौते के साथ ही सुप्रीम न्यायालय की ओर से पोतियों के  लिए प्रति माह  कोर्ट ने  1 लाख रुपये चाइल्ड वेलफेयर को देने के लिए निर्देश जारी किया जिसके कारण  उनके शिक्षा , भरम पोरशन  में उन्हें काफी मदद मिलेंगी और जीवन यापन के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। 

इस केस के जरिए न्यायालय ने एक मिसाल कायम की है और यह साबित किया है कि कानून के माध्यम से विवादों का समाधान संभव है। न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी करना एडवोकेट रेखा सिंह की पेशेवर क्षमता और उनकी कड़ी मेहनत का प्रमाण है। इंदरपाल सिंह को न केवल न्याय मिला, बल्कि यह भी साबित हुआ कि न्यायिक प्रणाली में सच्चाई और न्याय की जीत होती है। इस मध्यस्थता फैसले ने न केवल न्यायालय पर से अनावश्यक बोझ को हटाया, बल्कि निर्दोष बच्चियों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम भी साबित हुआ। एडवोकेट रेखा सिंह की यह सफलता न्यायिक प्रणाली में विश्वास को और मजबूती प्रदान करती है।
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