नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने आज नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के सहयोग से नवयुग स्कूल, पेशवा रोड, नई दिल्ली में 64 विद्यार्थियों को 'उत्कृष्ट हिंदी विद्यार्थी सम्मान' से सम्मानित किया। उपाध्याय ने बताया कि ये विद्यार्थी सीबीएसई की बारहवीं कक्षा में हिंदी विषय में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त कर अपनी मेहनत और लगन का प्रमाण प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर कुल 65 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिसमें नवयुग एव अटल आदर्श विद्यालय के 41 छात्राएं और 23 छात्र शामिल थे । सभी विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। अपने संबोधन में उपाध्याय ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसे किसी न किसी रूप में बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने एनडीएमसी के शिक्षा विभाग और दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह छात्रों को उनकी मातृभाषा को सही तरीके से बोलने और समझने का अवसर प्रदान करता है। उपाध्याय ने बताया कि हिंदी भारत की पहचान और सम्मान है, और यह विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय में पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के चलते हिंदी भाषा का महत्व कम हो रहा है। श्री उपाध्याय ने बताया कि भारत में 22 भाषाएं और 72,507 लिपियां हैं, लेकिन हिंदी ही एकमात्र भाषा है जो देश को एकजुट करती है। उन्होंने सभी को हिंदी के महत्व को समझाने और इसे अपने कार्यक्षेत्र में अधिक से अधिक उपयोग करने का आग्रह किया। उपाध्याय ने जानकारी दी कि दिल्ली के साहित्यकारों, पत्रकारों और हिंदी सेवियों ने 1944 में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन जी के सहयोग से 'दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन' की स्थापना हुई, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था। यह सम्मेलन साहित्यिक संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, नई पुस्तकों के लोकार्पण, और हिंदी प्रचार की वृद्धि के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन से रामकैलाश गुप्ता (अध्यक्ष), श्रीमती इंदिरा मोहन (अध्यक्ष), डॉ. रवि शर्मा मधुप (महामंत्री), श्री सुरेश खंडेलवाल, और राकेश शर्मा (संगठन एवं सह-संयोजक) सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। |