राष्ट्रीय (25/04/2010) 
किशनगंगा परियोजना को लेकर पाकिस्तान के फिर बदले तेवर


इस्लामाबाद 25 अप्रैल। पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है। विदित हो कि दोनों देशों के बीच 1960 में एक संधि हुई थी। पाकिस्तान ने इस सबंध में कहा कि है कि किशनगंगा परियाजना को लेकर देनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत से कोई हल नहीं निकल सका है इसके लिए वह मध्यस्थता के लिए विश्वबैंक से अनुरोध करेगा। पकिस्तान सरकार के हवाले से जारी एक पत्र में कहा गया है कि भारत किशनगंगा परियोजना के चलते सिंधु जल संधि का उल्लंधन कर रहा है और उसके पास विश्व बैंक से मध्यस्थता के लिए अनुरोध करने का प्रर्याप्त अधिकार है। पकिस्तान किशनगंगा पर पनबिजली परियोजना का विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि इस परियोजना से दो देशों के बीच जलसंधि का उल्लंघन हो रहा है। जबकि भारत ने पाकिस्तान के तमाम दावे को खारिज कर दिया है।  इस पनबिजली परियोजना को 1994 में शुरू की गई थी उस समय भी पाक्रिस्तान ने भारत पर जलसंधि के उल्लंघन का आरोप भारत पर लगाया था। इस मसले पर दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद पर आधिकारिक तौर पर इसकी समीक्षाा की गई थी। पाकिस्तान हमेशा यह आरोप लगाता रहा है कि इस पनबिजली परियोजना से बहाव के कारण पकिस्तान की पनबिजली परियोजनाएं प्रभावित होंगी। इस परियोजना की 2006 में समीक्षा की गई जिसमें भारत ने पाकिस्तान को तमाम तथ्यों से अवगत कराया। अब पुनः पाकिस्तान के वही तेवर दिखने लगे है। इस बार पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर विश्वबैंक से मध्यस्थता कराने की बात कही है 

 

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