विशेष (11/07/2024) 
आत्मसंयम से जनसंख्या नियंत्रण पर चिंतन करें लोग: शिक्षाविद् दयानंद वत्स भारतीय
नेशनल चाइल्ड एंड वूमेन डेवलपमेंट चेरिटेबल ट्रस्ट -रजि दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिक्षाविद् दयानंद वत्स भारतीय ने आज विश्व जनसंख्या दिवस पर मुख्यालय बरवाला में भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि अनुमानतः 2024 में भारत की जनसंख्या 144 करोड तक पहुंच गई है। वत्स ने कहा कि आजादी के बाद जिस तेजी के साथ जनसंख्या विस्फोट हुआ है उससे भविष्य में संसाधन घटेंगे। बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी होगी। खाद्यान्न ओर पेयजल का भारी संकट उत्पन्न होगा। मंहगाई और बेरोज़गारी चरम पर होगी। लोग चिकित्सा सुविधाओं और रोजमर्रा की मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित होंगे। भूख और कुपोषण का साम्राज्य होगा। इसलिए सभी भारतवासियों को अभी से जनसंख्या नियंत्रण का संकल्प लेना होगा। वत्स ने कहा कि सभी सरकारों ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए अनेकों जागरुकता अभियान चलाए हैं ओर जन मानस में यह स्लोगन प्रचलित भी हुए हैं जैसे 
छोटा परिवार सुखी परिवार 
बस दो या तीन बच्चे होते हैंं घर में अच्छे
हम दो हमारे दो 
हम दो हमारा एक
लड़का लड़की एक समान
नियोजित परिवार जीवन आसान 
यह नारे हम सबने सुने भी हैं ओर कुछ हद तक इन पर अमल भी किया है। वत्स ने कहा कि भारत की वास्तविक जनशक्ति उसके नागरिक ही हैं। जनसंख्या नियंत्रण में होगी तभी एक सुशिक्षित और सशक्त, समर्थ और सक्षम समाज और राष्ट्र की हम परिकल्पना हम सब कर सकते हैं। हम सबका यह राष्ट्रीय कर्तव्य है कि लोगों को जागरूक करें कि
'आइए सब जनसंख्या नियंत्रण का संकल्प लें'
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