विशेष (12/03/2024) 
डूटा ने अदिति महाविद्यालय में धरना- प्रदर्शन किया ,शिक्षकों ने रैली निकाली ।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ( डूटा ) के नेतृव में अदिति महाविद्यालय के द्वार पर सैकड़ों शिक्षकों , कर्मचारियों व छात्राओं ने  सोमवार को 11बजे से 1 बजे तक  धरना -प्रदर्शन किया । धरने में सुखदेव कॉलेज , केशव महाविद्यालय , इंदिरागांधी स्पोर्ट्स कॉलेज , राजगुरू कॉलेज के अलावा नार्थ कैम्पस के अधिकांश कॉलेज शिक्षकों  ने भाग लिया । इस अवसर पर ईसी सदस्य डॉ.सुनील शर्मा , डॉ.सुधांशु , डॉ.अनिल कुमार , डॉ.हंसराज सुमन , डॉ.चमन सिंह , डॉ.धनपाल सिंह , डॉ.एसके सागर , डॉ.प्रेमचंद , डॉ.राजबीर सिंह आदि भी मौजूद थे । उसके बाद डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने कॉलेज से होती हुई बवाना की सड़कों से गुजरते  रैली निकाली । बता दें कि पिछले कई महीनों से  दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के शिक्षकों को वेतन , एरियर , मेडिकल बिल व एलटीसी का बकाया न मिलने के कारण रैली निकाली । शिक्षकों ने दिल्ली सरकार के विरोध में नारेबाजी की --शिक्षकों ने नारे लगाए -- केजरीवाल सरकार होश में आओ , शिक्षकों का वेतन जारी करो ,  ​हम अपना अधिकार मांगते , नहीं किसी से भीख मांगते , जो डूटा से टकराएगा , चूर-चूर हो जाएगा , केजरीवाल सरकार होश में , शिक्षकों से मत टकराओ , हम क्या चाहते , वेतन और सम्मान । अंत में रैली अदिति महाविद्यालय के द्वार पर आकर समाप्त हुई ।

         डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने बताया है कि इसी बीच डूटा के बढ़ते विरोध के चलते फाइनेंस ईयर 2023--24 तिमाही के चौथे चरण में ग्रांट को रिलीज कर दिया है । उनका कहना है कि इस ग्रांट से सैलरी भी पूरी नहीं मिलेगी बाकी ड्यूज का तो सवाल ही नहीं है । दिल्ली सरकार के 12 वित्त पोषित कॉलेजों को यह सरकार सेल्फ फाइनेंस में फिट करना चाहती है जिसका डूटा विरोध करेगा ।

                 डूटा  अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी  ने  शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि डूटा शिक्षा मंत्री सुश्री आतिशी के उन पत्रों की पूर्ण  निंदा करता है और उन्हें  खारिज करता है । शिक्षा मंत्रालय ने  दिल्ली सरकार के  दिनांक 01.12.2023 और 19.01.2024 को उन्हें वापस लेने और बिना किसी देरी के 12 कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों को  पूरी धनराशि जारी करने के लिए कहा था ।  प्रोफेसर भागी ने कहा है कि यदि 12 कॉलेजों की पूरी सैलरी व ग्रांट नहीं भेजी तो डूटा केजरीवाल की विधानसभा क्षेत्र में अपने शिक्षकों , कर्मचारियों व छात्रों के साथ आंदोलन तेज करेगा व दिल्ली की जनता को सरकार के कारनामों की पोल पट्टी खोलेगा । इस अवसर पर डूटा ने अपने आंदोलन को तेज करने और दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा विरोधी मॉडल को जनता के सामने उजागर किया ।  

           डूटा अध्यक्ष प्रोफेसर भागी ने शिक्षकों को बताया कि दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री द्वारा दो पत्र लिखे गए थे, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों में अवैध रूप से 939 शिक्षण पद सृजित किए गए हैं और इन 12 कॉलेजों में स्थायी रूप से काम कर रहे शिक्षकों के वेतन पर सरकार का करोड़ों पैसा खर्च किया गया है।  प्रोफेसर भागी ने चिंता व्यक्त की इन 12 कॉलेजों में हमारे शिक्षक दशकों से तदर्थ आधार पर अपनी सेवाएं दे रहे और इन्हें वेतन नहीं मिल रहा है । डूटा के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.के. भागी ने कहा कि -- ''फंड में कटौती और इन कॉलेजों को आर्थिक रूप से बीमार घोषित करने के साथ ये पत्र कॉलेज के कर्मचारियों और छात्रों के प्रति दिल्ली सरकार की बांह मरोड़ने की रणनीति के अलावा कुछ नहीं हैं।  इसका उद्देश्य इन कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को डॉ. भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय और कौशल विश्वविद्यालय जैसे राज्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित करने के लिए सहमत करना है। उन्होंने बताया कि सरकार इन कॉलेजों को डिग्री देने वाले स्वायत्त कॉलेज के रूप में बनाना चाहती है।  इसका मतलब है इन सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थानों को स्व-वित्तपोषित संस्थानों में परिवर्तित करना है जिसे डूटा कदापि नहीं होने देगा । उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि वे डूटा का साथ दे और डूटा आपके साथ सदैव खड़ा रहेगा । 

           डूटा सचिव अनिल कुमार ने कहा कि  दिल्ली सरकार ने फंड में कटौती की है और चाहती है कि वेतन का भुगतान छात्रों की फीस के माध्यम से किया जाए जो कि यह न्यायोचित नहीं है । छात्रों के पैसे को हम शिक्षकों के वेतन में प्रयोग नहीं होने देंगे और जरूरत पड़ी तो जल्द ही कर्मचारियों व छात्रों को भी साथ लेगा । प्रोफेसर भागी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि  दिल्ली सरकार से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के एडहॉक शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं । उन्होंने वर्षों तक इन कॉलेजों में पढ़ाया है और अब सरकार द्वारा उनकी नियुक्तियों और पदों को अवैध घोषित करना उन्हें अस्वीकार्य है  जबकि यूजीसी से वित्त पोषित अधिकांश कॉलेजों में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है । डूटा अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि यदि वह हमारी मांगें स्वीकार कर जल्द ही ग्रांट जारी नहीं करती है तो विश्वविद्यालय व कॉलेज स्तर पर आंदोलन को तेज किया जायेगा ।
Copyright @ 2019.