विशेष (12/01/2024)
15 मारà¥à¤š को रिलीज़ होगी यश बाबू à¤à¤‚टरटेनमैंट की फिलà¥à¤® "वॉय मैरी"
यश बाबू à¤à¤‚टरटेनमैंट की फ़िलà¥à¤® "वॉय मैरी" 15 मारà¥à¤š को देशà¤à¤° के सिनेमा घरों में रिलीज होगी। फ़िलà¥à¤® के निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾/निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• राजिनà¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° वरà¥à¤®à¤¾ यशबाबू, कहानी, पटकथा, डायलॉग अनिता कौशिक व आर कौशिक, कैमरामैन मंगत बढान, फिलà¥à¤® के गीत विशू शरà¥à¤®à¤¾ ने लिखे हैं तथा संगीत पंकज शरà¥à¤®à¤¾ ने दिया है। फिलà¥à¤® में पारà¥à¤² कौशिक, डॉ. सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾, संजना गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, संदीप सिंघल, अनिल वरà¥à¤®à¤¾, रिया शरà¥à¤®à¤¾ व बेबी शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ ने मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤ˆ है। फिलà¥à¤® वॉय मैरी बताती है कि आजकल हमारे समाज और सोसाइटी में लिव-इन रिलेशनशिप और वैवाहिक संबंध à¤à¤• आम बात हो गई है। लोग à¤à¤• दूसरे को पसंद करते हैं, à¤à¤• साथ शामिल होते हैं, à¤à¤¨à¥à¤œà¥‰à¤¯ करते हैं और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस सब में कà¥à¤› गलत à¤à¥€ नहीं लगता। लेकिन इस तरह के संबंधों का अंजाम कà¥à¤¯à¤¾ होगा, ये वो लोग संबंध शà¥à¤°à¥‚ करते हà¥à¤ नहीं सोचते। बलà¥à¤•à¤¿ आजकल à¤à¤• नई विचारधारा बन गई है कि साथ रहने के लिठशादी की जरूरत कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? ‘शादी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚’ à¤à¤• शादीशà¥à¤¦à¤¾ इंसान की जिंदगी में à¤à¤• खूबसूरत और मॉडरà¥à¤¨ औरत के आने के बाद बहà¥à¤¤ कà¥à¤› बदल जाता है, कà¥à¤› चीजें उसके लिठबहà¥à¤¤ सकारातà¥à¤®à¤• होती हैं लेकिन कà¥à¤› चीजें उसके परिवार के लिठनामंजूर और नकारातà¥à¤®à¤• होती हैं। उस इंसान का हंसता-खेलता परिवार टूटने की कगार पर आ जाता है। लेकिन यहां à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› अलग à¤à¥€ होता है कि जो अपने आप में ही à¤à¤• पति-पतà¥à¤¨à¥€ के रिशà¥à¤¤à¥‡ के लिठमिसाल बन जाता है। यह कहानी à¤à¤• पति-पतà¥à¤¨à¥€ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ और जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ की है, जो बहà¥à¤¤ ही पà¥à¤¯à¤¾à¤° से à¤à¤• दूसरे के साथ रहते हैं। उनकी à¤à¤• बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ बेटी जिया à¤à¥€ है, जिसे वे दोनों ही बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤° करते हैं। उनकी हंसती-खेलती जिंदगी में तब à¤à¤• अजीब मोड़ आता है, जब अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को à¤à¤• बहà¥à¤¤ खूबसूरत और मॉडरà¥à¤¨ औरत शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ मिलती है, जो उसे अपनी तरफ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ कर लेती है। शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को अपने पति सà¥à¤¬à¥‹à¤§ के बारे में à¤à¤¸à¥€ कहानी बताती है कि वह उसके साथ शामिला होता ही चला जाता है। उसकी बात सà¥à¤¨à¤•à¤° अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को लगता है कि शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ को वाकई उसका पà¥à¤¯à¤¾à¤° और सहारा चाहिà¤à¥¤ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥€ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं में बहकर शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ के साथ हो जाता है। अब अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को अपनी पतà¥à¤¨à¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ की हर चीज में बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ दिखाई देने लगती है और उनकी हंसती-खेलती जिंदगी बà¥à¤°à¥€ तरह से असà¥à¤¤-वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हो जाती है। कà¥à¤› दिनों बाद शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को शादी का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ देती है, जिसे सà¥à¤¨à¤•à¤° वह हैरान रह जाता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसके लिठसà¥à¤¨à¥‡à¤¹, देखà¤à¤¾à¤² और पà¥à¤¯à¤¾à¤° तक तो ठीक था, लेकिन शादी? अपनी पतà¥à¤¨à¥€ और बेटी को छोडक़र वह शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ से शादी कैसे कर सकता था। लेकिन शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ की इस समसà¥à¤¯à¤¾ का à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ समाधान बताती है कि जो उसने सपने में à¤à¥€ नहीं सोचा था। शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ की बात सà¥à¤¨à¤•à¤° अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ के होश उड़ जाते हैं। कहानी में देखने वाली बात यह है कि कà¥à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ को अपनी बात के लिठमना लेगी? कà¥à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ को अपनी मजबूरी समà¤à¤¾ पाà¤à¤—ा? कà¥à¤¯à¤¾ अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ और जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ का रिशà¥à¤¤à¤¾ खतà¥à¤® हो जाà¤à¤—ा? और कà¥à¤¯à¤¾ होगा जब जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ को अनिरà¥à¤¦à¥à¤§ और शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾ के संबंध का सच पता चलेगा? इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ सब सवालों का जवाब देती है हमारी ये फिलà¥à¤® -वॉय मैरी। अनिल बेदाग, मà¥à¤‚बई |
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